बिहार में दशहरा व दीपावली के बीच दो चरणों में होगा नगर निकाय चुनाव, सभी जिलों को इवीएम आवंटित
बिहार में नगर निकाय चुनाव दो चरणों में दशहरा और दीपावली के बीच होंगे। नगर पालिका चुनावों के लिए 10 और 20 अक्टूबर को दो चरणों में मतदान हो सकता है। दशहरा के बाद और दीपावली के पहले दो चरणों में नगरपालिका चुनाव संपन्न कराये जाने को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि पहले चरण के मतदान के लिए 8 अक्टूबर तक बैलेट यूनिट में मतपत्र लगाकर तैयार कर लें। साथ ही दूसरे चरण में उपयोग आने वाले इवीएम में 18 अक्टूबर तक बैलेट यूनिट मतपत्र के साथ तैयार करने को कहा गया है। बता दें कि 5 अक्टूबर को विजयादशमी है जबकि 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार है।
चुनाव आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि मतदाता सूची के तहत नगर निकाय के अंतर्गत महत्वपूर्ण व्यक्तियों का नाम नहीं छूटे। वार्डवार और मतदान केंद्र वार मतदाता सूची की तैयारी और उसकी छपाई की जाए। मतदाताओं के नाम जोड़ने या उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने संबंधी कार्य किए जाएं। आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम नहीं छूटे होने से संबंधित निबंधन पदाधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त कर आयोग को भेजी जाए। 30 अगस्त से 5 सितंबर तक जिलों को संशोधित मतदाता सूची की छपाई करानी होगी।
4 सितंबर तक प्रकाशित होगी बूथों की फाइनल लिस्ट
प्रथम चरण की कार्यावधि के तहत चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि जिन मतदान केंद्रों के प्रस्ताव वापस किए गए हैं, उनका निराकरण कराकर पुन संशोधित प्रस्ताव भेज कर अनुमोदन करा लें। इसके लिए 26 अगस्त का समय दिया गया है। वहीं, दूसरे चरण के कार्यावधि के तहत आपत्तियों का निबटारा एवं उसके अनुसार संशोधन 28 अगस्त तक कराने के निर्देश दिए गए है। साथ ही 1 अगस्त से 3 अगस्त तक मतदान केंद्र के प्रस्ताव पर आयोग के द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। जबकि अनुमोदित सूची का प्रकाशन 4 सितंबर को किया जाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 224 नगर निकायों में बूथ गठन का निर्देश जिलों को दिया गया है। आयोग ने कहा है कि बूथों के गठन में मानक का ध्यान दिया जाए। उसमें सभी मूलभूत सुविधाएं अवश्य हो, इस पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है। आयोग के अनुसार मतदान केंद्र की स्थापना निजी भवन में या दूसरे वार्ड में बिना तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराए गठित किया जा रहा है। इसके कारण आयोग कार्यालय से अनुमोदन में कठिनाई आ रही है और इससे संबंधित प्रस्ताव को वापस करना पड़ रहा है। इस स्थिति में मतदान केंद्र स्थापना संबंधी कार्य समय पर पूरा नहीं हो सकेगा।