जबर्दस्त भ्रष्टाचार: एक परिवार के 8 लोगों को मिले आवास योजना के रुपए, अविवाहित बच्चे भी नहीं रहे पीछे
गरीबों को घर देने वाली स्कीम प्रधानमंत्री आवास योजना अफसरों के लापरवाह रवैये और भ्रष्टाचार के कारण अपने मकसद से कई बार भटक जाती है। बिहार के छपरा जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां रसूखदार व बिचौलिए की मिलीभगत से गरीबों के साथ हकमारी हो रही है। एक ही परिवार के कई लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।
एक परिवार के आठ लोगों ने योजना का लाभ लिया
बताया जा रहा है कि परसा प्रखंड के शोभेपुर पंचायत अंतर्गत आने वाले बरियारपुर गांव के एक ही परिवार के आठ लोग आवास योजना का लाभ ले रहे हैं। अगर अफसर इस योजना के प्रति गंभीर होते, तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती। बरियारपुर गांव निवासी स्वर्गीय शिवचंद्र के दो पुत्र हैं, चंदेश्वर राय व बाबूलाल राय। चंदेश्वर राय के चार पुत्र हैं, जिनमें दो विवाहित हैं व दो अविवाहित है।
अविवाहित बेटों को भी मिले घर बनाने के पैसे
इनमें दोनों अविवाहित व एक विवाहित लड़कों को आवास योजना का लाभ मिल चुका है, जबकि एक विवाहित पुत्र की पत्नी का लिस्ट में नाम है। मगर अभी तक रुपये का उठाव नहीं हो सका है। वही बाबूलाल राय समेत तीन पुत्रों को आवास योजना का लाभ मिला है। उनमें से दो की शादी नहीं होने के बावजूद रुपये का उठाव कर लिया गया है।
परिवार के चार अविवाहित सदस्यों को मिला योजना का लाभ
जिन आठ व्यक्तियों के नाम से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की राशि का उठाव किया गया है उनमें से चार अविवाहित है। सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार वैसे अविवाहित लोगों को आवास योजना का लाभ देना है, जिनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक हो गई है और भवन के अभाव में उनकी शादी नहीं हो रही है। मगर जिन लोगों के नाम से रुपये उठाए गए हैं उन सभी की उम्र 30 वर्ष से कम है।
परसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह का कहना है कि आवास योजना में फर्जीवाड़े की सूचना पर आवास सहायक को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद जिन लोगों ने फर्जीवाड़ा किया है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।