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बिहार: गाजे-बाजे के साथ बंदरों की निकली शव यात्रा, हनुमान मंदिर में रहते थे दोनों बंदर

बिहार के गया जिले में दो बंदर की मौत चर्चा का विषय बन गया है. इस मौत ने इंसान और जानवरों के बीच अनकहे रिश्ते को भी बखूबी बयां किया है. समाजसेवी व वन्यजीव प्रेमियों ने इंसानियत और मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है. दरअसल, मामला गया शहर के टेकारी रोड स्थित हनुमान मंदिर के समीप की है. जहां बुधवार को दो बंदरों की करंट लगने से मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया.

हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार

बंदरों का ढोल बाजे के साथ शव यात्रा निकाली गई. जिसमें शहर के सैकड़ों समाजसेवी मौजूद रहे. शव यात्रा के दौरान जय श्री राम के नारों के साथ पूरा शहर गुंजायमान हो गया. शहर के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए शव यात्रा धार्मिक विष्णुपद श्मशान घाट पर पहुंचा. जहां हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस मौत के बाद शहर वासियों ने जो किया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है.

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बंदरों को लगा करंट

जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम हाईटेंशन तार की चपेट में आने से बंदरों की मौत हुई थी. बताया जाता है पिछले कई सालों से टिकारी रोड स्थित हनुमान मंदिर में बंदरों का झुंड रहता है और उनका यहां बसेरा बन गया है. लेकिन पिछले कुछ सालों से बिजली की चपेट में आने से लगातार हो रहे बंदरों की मौत के बाद इनकी संख्या अब धीरे-धीरे घटती जा रही है.

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बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप

शहरवासियों ने बताया कि हिंदू समाज में बंदर का बड़ा महत्व है. इस कारण मृत बंदर को हनुमान जी की सेना के रूप में माना जाता है. इसलिए बंदर का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया. तीन बंदर बिजली के चपेट में आ गया जिससे दो की मौत हो गई जबकि एक घायल है. बिजली विभाग की लापरवाही के कारण दो साल पहले भी इस तरह की घटना हुई थी.

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जिसमें एक बंदर की जान चली गई थी. बिजली विभाग के अधिकारियों को कई बार इसको लेकर अवगत कराया गया था, लेकिन कोई हल नहीं निकाला गया. नतीजतन एक बार फिर दो बंदरों की जान चली गई.

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