लालू प्रसाद को अपनी किडनी डोनेट करेगी बेटी रोहिणी आचार्य, सिंगापुर में पूरी होगी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया
लंबे समय से बीमार चल रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. लालू प्रसाद को उनकी बेटी ने ही अपनी किडनी देने का फैसला किया है. लालू-राबड़ी की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य जो सिंगापुर में रहती हैं, उनकी किडनी से राजद प्रमुख को नई जिंदगी मिलने वाली है. एक साथ कई बीमारियों से लड़ रहे लालू का सिंगापुर में ही किडनी ट्रांसप्लांट होना तय हुआ है. सबसे अहम बात यह है कि सिंगापुर के डाक्टरों ने अपनी स्वीकृति दे दी है. किडनी ट्रांसप्लांट के मकसद से सारी तैयारियां भी कर ली गई हैं.
सिंगापुर में रहकर भी रोहिणी आचार्या अपने परिवार के संपर्क में रहती हैं. रोहिणी आचार्य इंटरनेट मीडिया के माध्यम से बिहार की राजनीति में भी हस्तक्षेप करती रहती हैं. कई बार वह अपने परिवार पर होने वाले राजनीतिक हमलों ने बचाव के तौर पर सामने आती रही हैं. चाहे सुशील मोदी पर हमला बोलना हो या फिर से दूसरे राजनीतिक दल के नेता पर रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर आक्रामक तेवर अख्तियार करती रही हैं. लालू के अस्वस्थ होने के बाद से रोहिणी सिंगापुर में उनका इलाज कराने के लिए परिवार पर लगातार दबाव बना रही थीं.
उन्होंने खुद पहल की और किडनी सेंटर में बात कर इलाज का रास्ता प्रशस्त किया. हालांकि खुद लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी से किडनी लेने के पक्ष में नहीं थे लेकिन आखिरकार रोहिणी ने उन्हें इसके लिए तैयार भी किया. लालू यादव को रोहिणी आचार्या ने बखूबी समझाया कि परिवार के सदस्यों की किडनी लेने पर सफलता की दर ज्यादा रहती है. किडनी अस्पताल के रूप में विख्यात सेंटर फार किडनी डिजीज में अभी लालू यादव का इलाज चल रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली एम्स के डाक्टरों ने अभी लालू के किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह नहीं दी थी, लेकिन सिंगापुर में डाक्टरों ने जांच के बाद ओके कर दिया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट की संभावनाएं तलाशने 12 अक्टूबर को सिंगापुर गए थे. उनके साथ पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी पुत्री , मीसा भारती भी गई थीं. तब रोहिणी ने ट्वीट करके पिता के प्रति अपनी संवेदनाये जाहिर की थीं. सिंगापुर में डाक्टरों ने पहले लालू की जांच की, इसके बाद रोहिणी की भी जांच हुई. उसके बाद डाक्टरों ने स्वीकृति दे दी थी.
रोहिणी ने उस दिन भी भावुक ट्वीट किया था और लिखा कि लोगों की आवाज को जिसने किया बुलंद, आज वहीं दर्जनों बीमारियों से लड़ रहा है जंग. रोहिणी आचार्या ने यह साबित कर दिया है कि वह केवल राजनीतिक तौर पर नहीं बल्कि परिवार के स्तर भी मजबूती से सभी के साथ जुड़ी नहीं हो भले ही वह सिंगापुर में रहती हैं.