समस्तीपुर में जहरीली शराब से मौत की यादें हो गई ताजा, एक वर्ष पुराने उस सदमें से अब तक नहीं उबरा है एक भी परिवार
तस्वीर : फाइल
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समस्तीपुर :- छपरा में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो चुकी है। संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़ों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि 73 के आसपास लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। जहरीली शराब से मौत मामले ने समस्तीपुर जिले के पुरानी यादों को ताजा कर दिया है जब जिले में 2021 में जहरीली शराब पीने से अलग-अलग थाना इलाके में एक सेना के जवान समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी।
एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी पटोरी समेत अन्य थाना क्षेत्र के उन परिवारों में गम का माहौल है, जिनके परिवार के सदस्यों ने जहरीली शराब की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी थी। उस समय किसी ने अपना पति खोया था तो किसी ने पिता या पुत्र। आज भी ऐसे घरों से रात के अंधेरे में महिलाओं के सुबकने की आवाजें आती हैं तो आसपास के लोग विचलित हो जाते हैं।
वैसे इस घटना में लगभग आधे दर्जन लोगों की सही समय पर चिकित्सा होने के कारण जान बच गई थी। हालांकि बीते एक वर्ष में इस घटना के बाद लोगों ने कोई सबक नहीं लिया। इसके कारण बाद में भी पटोरी थाना क्षेत्र में कई अन्य लोगों की जान जहरीली शराब ने ली परंतु उसे सामान्य मौत बता कर दबा दी गयी।
जहरीली शराब ने पटोरी थाना क्षेत्र के संग्रामपुर निवासी किसान श्यामनंदन चौधरी, दीगल चकसीमा निवासी सेना के जवान मोहन कुमार, रुपौली निवासी बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह एवं किसान वीर चंद्र राय, हसनपुर सूरत निवासी रंजीत कुमार एवं धनंजय कुमार तथा उत्तरी धमौन के मुन्ना कुमार को सदा के लिए उन परिवारों से छीन लिया था।
इस घटना में जान गंवाने वाले सभी मृतक अपने परिवार के मुखिया थे, जिनके कंधे पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी। सेना का जवान मोहन छठ पर्व में छुट्टी लेकर घर आया था और मित्रों के साथ उसने जाने-अनजाने में जहरीली शराब का सेवन कर लिया था। मोहन की मौत के बाद उसके माता-पिता आज भी ग़म में डूबे रहते हैं। मोहन उस परिवार का एकमात्र कमाऊ पूत था जिस पर माता-पिता के अलावा अपने छोटे भाई-बहन की शिक्षा और शादी की जिम्मेदारी थी। अब किसी प्रकार परिवार अपना जीवनयापन कर रहा है।
किसान श्यामनंदन चौधरी की मौत का सदमा आज भी पूरे परिवार में व्याप्त है। खेती-किसानी की जिम्मेदारी संभालने में अब परिवार को काफी परेशानी हो रही है। बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर विनय कुमार भी अपने परिवार की रीढ़ थे। धनंजय एवं रंजीत युवा थे और परिवार को इनसे काफी उम्मीदें थी। इन उम्मीदों पर जहरीली शराब का कहर ऐसा बरपा कि पूरा परिवार ही बिखर गया। आज भी इन परिवारों में लोग इस दर्द को झेल रहे हैं।
दो पुलिस पदाधिकारी समेत 17 चौकीदार निलंबित हुए थे :
पटोरी के अलावा हथौड़ी व सरायरंजन क्षेत्र से भी जहरीली शराब से मौत के मामले आए थे। शाहपुर पटोरी के तत्कालीन प्रभारी थानध्यक्ष मुकेश कुमार और हथौड़ी के प्रभारी थानाध्यक्ष समेत 17 चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। सरायरंजन मामले में बाद में सांप काटने की मौत का कारण बताया गया था। लेकिन परिजन उससे पहले चीख-चीखर शराब पीकर मरने की बात बता रहे थे। पास से ही शराब की बोतल भी बरामद की गई थी। इसके अलावा कई अन्य मामले को सामान्य मौत बता दबा दिया गया। बीते कुछ महीनों पहले कथित तौर पर उजियारपुर थाना क्षेत्र में भी जहरीली शराब सेवन करने से मौत की बात सामने आ चुकी है। हालांकि उजियारपुर मामले में परिजनों ने पुलिस को भनक लगने से पहले ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
नदी से भी होती है शराब की तस्करी :
शराब तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है। सड़क मार्ग पर तो सहज रूप से निगरानी संभव हो जाती है लेकिन जल मार्ग से हो रही तस्करी को रोक लगा सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। गंगा का विशाल तट एक बड़े इलाके को कवर करता है। इसको लेकर तटीय इलाके में ड्रोन कैमरे की मदद से निगरानी की जा रही है। उत्पाद विभाग द्वारा दो दर्जन से अधिक अवैध चुल्हाई शराब के अड्डों को ध्वस्त किया गया है। अवैध शराब की तस्करी में पकड़े गए वाहनों को जब्त कर नीलाम किया जाता है। उत्पाद अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।