बिहार के अरुणेश को PM देंगे राष्ट्रीय युवा अवॉर्ड, लाॅकडाउन के समय कई जरूरतमंदों तक पहुंचाया ब्लड
पटना यूनिवर्सिटी के 24 साल के छात्र अरुणेश मिश्रा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय युवा अवॉर्ड देने जा रहे हैं। अरुणेश ने सोशल मीडिया की मदद से लॉकडाउन और कोरोना की पहली लहर में हजारों जरूरतमंद लोगों तक ब्लड पहुंचाया। उनके दोस्त उन्हें ब्लड मैन बुलाते हैं।
बचपन से पटना में रहने वाले अरुणेश कुमार ने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर लॉकडाउन में सैकड़ों लोगों की मदद की। उन्होंने हजारों लोगों तक ब्लड की उपलब्धता करवाई।
अरुणेश को यह पुरस्कार कोरोना संक्रमण के पहले लहर के दौरान लोगों को मदद पहुंचाने, रक्तदान के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने, पर्यावरण और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए गए सामाजिक कार्य और एनिमल केयर क्षेत्र में किए गए उनके कार्यों को लेकर दिया जा रहा।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयनित सभी युवाओं को उपस्थित रहना है और इसके लिए उन्हें कर्नाटक के हुबली में आमंत्रित किया गया है। अरुणेश कर्नाटक के हुबली में मौजूद हैं।
युवा मंत्रालय की ओर से दिन तय किया जाएगा कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दौरान किस दिन सभी युवाओं को सम्मानित किया जाएगा। जो कर्नाटक के हुबली में 12 जनवरी से लेकर 16 जनवरी के बीच आयोजित होने वाला है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। साल 2015 के बाद यानी 8 साल बाद राज्य में राष्ट्रीय युवा सम्मान आने जा रहा है।
कैसे हुई शुरुआत, कौन बना प्रेरणा
अरुणेश कुमार वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय के टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में B.ed के छात्र हैं। अपनी फर्स्ट ईयर की परीक्षा पास कर ली है उन्हें 81% अंक प्राप्त हुए हैं। बचपन से ही पढ़ाई में आगे रहे अरुणेश के जीवन में बदलाव तब आया जब उनकी तबीयत काफी खराब हुई थी।
उस वक्त उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही थी जिसके बाद घरवालों ने उन्हें कई डॉक्टरों के पास इलाज के लिए दिखाया। लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई और आखिरकार उनके पिताजी ने उन्हें पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर से दिखाया।
इसके बाद पहले तो डॉक्टर सीपी ठाकुर ने इसलिए सभी दवाइयों को बंद कर उन्हें कुछ नहीं दवाइयां दी। जिसके पास अरुणेश की तबीयत में सुधार आया और वह अक्सर सीपी ठाकुर के क्लिनिक जाने लगे। इस दौरान उन्होंने देखा डॉक्टर साहब बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते हैं। जिससे अरुणेश काफी प्रभावित हुए और यहां से शुरू हुआ उनका समाज को लेकर यह अभियान।