बिहार: चलती ट्रेन में लेबर पेन हुआ, किसी ने छुआ तक नहीं, फिर किन्नरों ने कराई महिला की डिलीवरी, पेश की मानवता की मिसाल
हावड़ा-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में किन्नरों द्वारा किया गया काम चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां किन्नरों ने मानवता की मिसाल पेश की है. आमतौर पर ट्रेनों में लोग किन्नरों को देखते ही मुंह फेर लेते हैं लेकिन बिहार में किन्नरों की मानवता की चर्चा अब चारों तरफ हो रही है. हावड़ा-पटना जनशताब्दी ट्रेन में लेबर पेन से कराह रही महिला के लिए किन्नर भगवान बनकर आए और उसकी डिलीवरी कराई.
पूरा मामला बिहार (Bihar) के जमुई का है. हावड़ा-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से शेखपुरा जिले की रहने वाली एक गर्भवती महिला अपने पति के साथ लखीसराय जा रही थी. ट्रेन जसीडीह रेलवे स्टेशन से जैसे ही कुछ दूर चली उस महिला को लेबर पेन शुरू हो गया. धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया और महिला लेबर पेन के दर्द से चीखने लगी. उसका दर्द लगातार बढ़ता जा रहा था.
किन्नरों ने कराई डिलीवरी
लेबर पेन से पत्नी की हालत बिगड़ती देख पति ने कोच में मौजूद अन्य लोगों से मदद मांगी. लेकिन कोच में मौजूद अन्य महिलाएं उस महिला की मदद के लिए नहीं आईं. धीरे-धीरे महिला की पीड़ा बढ़ती जा रही थी. वो दर्द से कराह रही थी. उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी. तभी कुछ समय बाद उसी कोच में किन्नरों की टोली पैसे मांगने पहुंची. अब तब ट्रेन सिमुलतला रेलवे स्टेशन तक आ चुकी थी.
ट्रेन पर चढ़े किन्नरों की नजर जैसे ही महिला पर पड़ी वो तुरंत मामले को समझ गए. सभी किन्नरों ने महिला की मदद के लिए हाथ बढ़ाया. उन्होंने महिला को उठाया और ट्रेन के वॉशरूम में ले गए. जहां थोड़ी देर में महिला की डिलीवरी हो गई. महिला को बेटा हुआ. बच्चा स्वस्थ था. उसे सही सलामत देख ट्रेन के उस डिब्बे में मौजूद सभी यात्रियों की आंखें खुशी से नम हो गईं.
किन्नरों ने महिला को आशीर्वाद दिया
महिला की डिलीवरी होने के बाद किन्नरों ने महिला और उसके लड़के को आशीर्वाद दिया. उन्होंने महिला के पति को आर्थिक मदद की पेशकश भी की. ट्रेन में मौजूद सभी लोगों ने किन्नरों के मानवता भरे इस व्यवहार की तारीफ की. कुछ समय बाद झाझा रेलवे स्टेशन पर सभी किन्नर उतर गए. लेकिन किन्नरों के इस व्यवहार की चर्चा देशभर में फैल रही है.