हंगामेदार रही समस्तीपुर नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक, अनुमति नहीं मिलने पर धरने पर बैठे सांसद प्रतिनिधि
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर नगर निगम के गठन के बाद उसके सामान्य बोर्ड की गुरुवार को आयोजित पहली बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज के प्रतिनिधि रालोजपा जिलाध्यक्ष विनय चौधरी बीच बैठक में ही धरने पर बैठ गए।
बैठक में उपस्थित विधान पार्षद डॉ. तरुण कुमार चौधरी के द्वारा पहल किया गया। बताया गया कि नगर आयुक्त ने रालोजपा जिला अध्यक्ष को बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी और वहीं, मेयर अनीता राम ने कहा कि सांसद प्रतिनिधि के संबंधित पत्र के बगैर वह बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। जिसके बाद रालोजपा जिला अध्यक्ष विनय चौधरी बीच बैठक में ही धरने पर बैठ गए। जिससे बैठक में ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई।
करीब आधे घंटे के बाद सांसद के यहां से व्हाट्सएप के माध्यम से संबंधित पत्र आने के बाद उन्हें सांसद प्रतिनिधि के रूप में बैठक में हिस्सा लेने की स्वीकृति प्रदान की गई। इसको लेकर विनय चौधरी ने बताया कि सांसद को एक दिन पहले शाम में यहां आने की सूचना दी गई थी। जबकि बजट सत्र चलने के कारण सांसद लोकसभा में हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें सांसद प्रतिनिधि के रूप में यहां भाग लेने का निर्देश था।
वहीं पहली बैठक में स्वागत व परिचय के शिष्टाचार के बाद कार्यवाही शुरू की गई। जिसमें डिप्टी मेयर रामबालक पासवान ने बेगूसराय का उदाहरण देते हुए निगम क्षेत्र में जुड़े नए क्षेत्रों का तीन साल का कर माफ करने की बात उठाई। आयुक्त के इस प्रस्ताव को नहीं मानने पर एमएलसी डॉ. तरूण चौधरी व एमएलए अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने यहां से पारित होने के बाद इस प्रस्ताव को सदन में उठाने की बात कही।
इस दौरान आयुक्त ने सभी पार्षदों को नियमावली खरीदने का आह्वान करते हुए बताया कि मेयर के दिशा-निर्देश में विभिन्न योजनाओं का चयन व समितियों का गठन किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने पुरानी योजनाओं के साथ नए क्षेत्रों से आई योजनाओं को पास करने, सफाई सामग्री क्रय करने, जलजमाव के निराकरण व सड़कों का प्रधान सड़क के रूप में निर्धारण करने की बात कही।