DM की हत्या मामले में बाहुबली आनंद मोहन जेल से होंगे रिहा! नीतीश सरकार ने कारा नियम में किया यह बदलाव
डीएम जी कृष्णया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बिहार के बाहुबली नेता और शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से जल्द रिहा हो सकते हैं। बिहार सरकार के एक फैसले से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। आनंद मोहन फिलहाल बेटे की शादी को लेकर 15 दिन पर बाहर हैं। उनके बेटे चेतन आनंद की सभा सगाई होने वाली है। पूर्व सांसद कटिहार जेल में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। आनंद मोहन 14 साल जेल की सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन, सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण उन्हें परिहार का लाभ नहीं मिल रहा है। नीतीश सरकार की कैबिनेट में परिहार कानून में संशोधन किया गया है। जिसका लाभ आनंद मोहन को मिलने की उम्मीद है।
बिहार के एक और बाहुबली नेता आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। नीतीश कुमार की सरकार द्वारा 10 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए परिहार कानून में संशोधन किया है। बिहार जेल मैनुअल 2012 के नियम 481(1)(क) में सरकार द्वारा संशोधन किया गया है। इस संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने से आनंद मोहन को इसका लाभ मिलेगा।
ताजा संशोधन के अनुसार किसी सरकारी सेवक की हत्या होती है तो उसके दोषियों को परिहार के नियमों का लाभ मिलेगा का लाभ मिलेगा। क्योंकि अब ऐसे हत्याकांड को भी साधारण हत्या के कोटि में माना जाएगा। उनकी रिहाई के लिए अब सरकार से आदेश की आवश्यकता नहीं होगी। जेल में अच्छा आचरण और परिहार की अन्य शर्तें पूरी करने पर सरकारी सेवकों की हत्या के दोषियों को भी छोड़ा जा सकता है।
बता दें कि जिलाधिकारी हत्याकांड में आनंद मोहन 14 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। वे कटिहार जेल में अभी भी सजा काट रहे हैं। 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर के खबरा में एनएच 28 पर गोपालगंज के तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जी कृष्णया की हत्या कर दी गई थी। आनंद मोहन के साथी नेता छोटन शुक्ला की शव यात्रा में चल रही भीड़ में डीएम की हत्या कर दी गई थी। आनंद मोहन शव यात्रा में मौजूद थे।