बिहार: नालंदा के अस्पताल में एक दूसरे पर टूट पड़े सिपाही और वकील, शराब मामले से जुड़ी वजह को जानिए…
नालंदा में शर्मशार करने वाली एक घटना घटी जब कानून के दो रखवाले ही आपस में भिड़ गए और सदर अस्पताल कैंपस में ही हाथापाई करने लगे. वकील और पुलिसकर्मी की इस भिड़ंत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दोनों एक दूसरे से मारपीट करने लगे और लोग दोनों को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. इस पूरे प्रकरण के पीछे की वजह जानिए..
सदर अस्पताल बिहारशरीफ में भिड़े
कानून के दो रखवाले सदर अस्पताल बिहारशरीफ में आपस में भिड़ गए .मारपीट भी करने लगे. मामला है कि उत्पाद विभाग की पुलिस ने नूरसराय थाना क्षेत्र के अंधना गांव निवासी श्याम चौधरी के नाबालिग पुत्र को शराब बरामदगी को लेकर मेडिकल जांच कराने सदर अस्पताल आये, जबकि न्यायालय के आदेश पर श्याम चौधरी के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार भी मेडिकल जांच कराने सदर अस्पताल पहुंचे .
वकील और सिपाही की दलील
अधिवक्ता ने बताया कि उत्पाद विभाग का सिपाही प्रमोद कुमार रंजन उनका फोटो खींच लिया. उसे डीलिट करने कहा गया तो जिद पर अड़ गया. फोटो को वह कई जगह वायरल कर रहा था और कहा था कि यही वकील है. जबकि उत्पाद विभाग के सिपाही का कहना था कि वकील मेडिकल जांच कराने में कुछ गलत करवा कर रहे थे.
सदर अस्पताल में लोगों की भीड़
कानून के दो रखवाले ने जब मारपीट शुरू की तो सदर अस्पताल में काफी भीड़ लग गयी .एक दूसरे पर आरोप लगे .यही हाल रहा तो अधिवक्ता और उत्पाद विभाग की सिपाही कहीं भी आपस में भिड़ सकते हैं. उत्पाद विभाग पर आरोप लगा है कि गलत ढंग गिरफ्तारी की जाती है. बिना कुछ शराब बरामदगी ही पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और मारपीट भी करती है. यह आरोप कोई नया नहीं है. आए दिन उत्पाद विभाग के कर्मियों की पिटाई भी होती है और उत्पाद विभाग भी ग्रामीणों पर लाठी भी बरसाते हैं.