बिहार में एक और कारनामा: रात के अंधेरे में की पुल की ढलाई, सुबह से पहले हो गया धराशाई
बिहार में फिर एक पुल धराशायी हो गया, वह भी ढलाई के महज 5-6 घंटे के अंदर। यह हैरतअंगेज कारनामा कहीं और नहीं बल्कि पूर्णिया के बायसी ग्रामीण कार्य प्रमंडल के अधीन हुआ है। जहां 1.13 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा था। लेकिन बिहार के सरकारी इंजीनियरों के भ्रष्टाचार के कारण कुछ घंटे में ही पूरी ढलाई धराशायी हो गई। बताया गया कि बायसी ग्रामीण कार्य विभाग में छह माह के दौरान यह दूसरा पुल है, जो ढलाई होते ही ध्वस्त होकर गिर गया है। पुल के ध्वस्त होने की खबर के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
बताया जाता है कि बायसी थाना क्षेत्र के चन्दरगांव पंचायत के मिलिकटोला हटिया से थोड़ी दूर सलीम चौक के समीप में 113.101 लाख की लागत से 20 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा था। इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत किया जा रहा है। इस पुल का नाम एनएच 31 फटकी चौक से चहट रोड है। इस पुल का निर्माण 25 अप्रैल 2022 से शुरू किया गया था और इसे 24 अप्रैल 2023 तक पूरा करना था।
शनिवार को देर रात बिना विभागीय अधिकारियों को सूचना दिए पुल के संवेदक द्वारा पुल का ढलाई किया जाने लगा, लेकिन ढलाई के बाद ही यह पुल ध्वस्त होकर गिर गया। वहीं, पुल गिरने की खबर सुन पुल के समीप दर्जनों ग्रामीण जमा हो गए एवं घटना की जानकारी ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ एवं कार्यपालक अभियंता को दी।
ढलाई के दौरान पुल के ध्वस्त होने की सूचना मिलते ही अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। विभाग के अधिकारी इस पुल के संवेदक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। वहीं, इस पुल के निर्माण में किस तरह की धांधली बरती गयी है इसकी गवाही ध्वस्त पुल खुद चीख चीख कर दे रहा है।
विदित हो कि कुछ माह पूर्व बायसी थाना क्षेत्र के खपड़ा पंचायत के चौनी गांव के समीप पुल गिरा था। मगर ग्रामीण कार्य विभाग के बाबुओं ने इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके परिणाम स्वरूप दूसरे पुल के ध्वस्त होने का मामला सामने आया।
बता दें कि शनिवार की रात्रि ढ़लाई के दौरान गिरने वाले पुल होकर ही वर्तमान विधायक का आवास बेरिया गांव भी जाया जाता है। अब स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब विधायक के गांव जाने वाले पुल का यह हाल है तो फिर अन्य पुलों का क्या हाल होगा अंदाजा लगाया जा सकता है। बायसी में ध्वस्त होने वाले दोनों पुलों का शिलान्यास किशनगंज सांसद डॉ. जावेद ने किया था।
ग्रामीण कार्य विभाग बायसी के एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि 10 मई को निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया गया था एवं निर्माण कार्य में कई कमी पाई गई थी, जिसको लेकर संवेदक को कार्य पूर्ण कर जांच के बाद पुल ढालने की बात कहा गया था।निर्माण कार्य शाम पांच बजे तक ही किया जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन संवेदक के द्वारा रात के अंधेरे में पुल की ढलाई की गयी।
संवेदक को काली सूची में डालने की तैयारी में जुटा विभाग
विभाग को वैसे भी इसमें महारथ हासिल है। इसके पूर्व जब बायसी में ढलाई के दौरान पहला पुल ध्वस्त हो गया था तो आनन-फानन में विभाग ने दिखावा के लिए कागजों पर संवेदक को काली सूची में डाल दिया। मगर इसके बाद फिर उसी संवेदक से पुल की ढलाई कराई गयी। इस मामले में सवाल पूछने पर सबने टालने वाला जवाब दिया। बता दें कि । डगरुआ निवासी जफर आलम पुल के संवेदक हैं।
इस पुल के संवेदक को कई बार कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिए गया था। बावजूद शनिवार की रात वह बिना किसी सूचना के पुल की ढलाई भी कर दिया जिसके बाद पुल ध्वस्त हो गया। इस मामले में संवेदक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। – राम बाबू, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, बायसी