एटक राज्य सम्मेलन में ट्रेड यूनियन के अधिकार से जुड़े 12 प्रस्ताव सर्वसम्मति से हुआ पारित
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े
समस्तीपुर/दलसिंहसराय :- एटक बिहार का राज्य सम्मेलन रविवार को दलसिंहसराय जिला परिषद् के डाक बंगला में तीसरे दिन बिहार एटक के पूर्व महासचिव कॉ. चक्रधर प्रसाद सिंह नगर एवं पूर्व ट्रेड यूनियन नेता कॉ. भरत राय सभागार में में 220 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में महासचिव गजनफफर नबाब द्वारा प्रस्तुत संगठनिक व राजनीतिक प्रतिवेदन पर 42 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सा लिया। दोनों रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पास की गई।
एटक के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अमरजीत कौर व भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय की देखरेख में अगले 3 वर्ष के लिए 101 सदस्यीय राज्य परिषद एवं 45 सदस्यीय कार्यकारणी का चुनाव कराया गया। राज्य अध्यक्ष अजय कुमार ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयो/विभागों में खाली पड़े 10 लाख सिविलियन पदों, केंद्रीय पीएसयू में खाली पड़े 5 लाख से अधिक पदों और बिहार राज सरकार के अधीन कुल 8 लाख खाली पदों को भरने के लिए भारत सरकार और राज सरकार से मांग,
भारत सरकार से ILO कोर/मौलिक सम्मेलनों अर्थात् एसोसिएशन की स्वतंत्रता और संगठित करने के अधिकार का संरक्षण सम्मेलन 1948 (संख्या 87) और संगठित करने का अधिकार और सामूहिक सौदेबाजी सम्मेलन 1949 (संख्या 98) की पुष्टि करने की मांग ,बैंकिंग एवं बीमा और वित्तीय क्षेत्र पर हमले बंद करने,
क्रूर (विद्युत संशोधन) विधेयक 2021 के खिलाफ और भारतीय विद्युत क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ, स्कीम योजना के कामगारों के मुद्दों और मांगों पर प्रस्ताव, अनुसूचित जाति और जनजाति के बढ़ते अत्याचार के विरुद्ध , महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को मजबूत करने, देश में बढ़ रही भयंकर बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं के मूल्य वृद्धि के विरुद्ध, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं पर तथा नई शिक्षा नीति के विरोध सहित 12 प्रस्ताव नवनिर्वाचित राज्य परिषद के समक्ष रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि देश की सत्ता पर 2014 से विराजमान भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की पूंजीवादी सरकार की विनाशकारी नीतियों के चलते देश में बेरोजगारी के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। नए रोजगार के अवसर पैदा होने की बजाय रोजगार को खत्म किया जा रहा है।
करोना महामारी के दौरान करोड़ों युवाओं मजदूरों से उनके रोजगार छीने गए। भाजपा की मोदी सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने के वायदे के अनुसार पिछले 9 वर्षों में 18 करोड़ युवाओं को रोजगार दिए जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार 9 वर्ष में 10 लाख रोजगार भी नहीं दे पाई, जिसके विरूद्ध गांव-गांव में मेहनतकशों के साथ व्यापक एकता बनाकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
मौके पर बिहार एटक संरक्षक कॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह, राज्य सचिव मंडल सदस्य रामचंद्र महतो, स्वागत समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार समीर, महासचिव रामविलास शर्मा, सीपीआई जिला मंत्री सुरेंद्र कुमार सिंह मुन्ना, महासचिव खेत मजदूर यूनियन कॉ जानकी पासवान, पूर्व जिला परिषद् सद्स्य कॉ रामप्रीत पासवान, कॉ. कौशलेंद्र,कॉ डीपी यादव, कॉ. हरेंद्र,आंगनवाड़ी राज अध्यक्ष कॉ चंद्रावती देवी, बिहार राज्य आशा संघ से कॉ सरिता राय मैजूद रही।