समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

NationalNEWS

25 June 1975: इंदिरा गांधी ने कैसे लगाई थी Emergency, आपातकाल को लेकर PM Modi और गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा

IMG 20221030 WA0004

व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े 

25 जून, 1975 की तारीख इतिहास के पन्नों में काले अक्षरों से दर्ज है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून की रात को देश में आपातकाल लागू कर दिया था. तमाम विपक्षी नेताओं को रातोंरात गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया. अखबारों और रेडियो में सिर्फ वही खबरें आती थीं, जिन्हें सरकार जनता तक जाने देना चाहती थी. इसके अलावा आम लोगों पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं. आपातकाल में हजारों लोगों की जबरन नसबंदी करवाई गई. आइए जानते हैं आपातकाल लगाने के पीछे की पूरी कहानी और पीएम मोदी और गृहमंत्री ने इमरजेंसी को लेकर कैसे कांग्रेस को घेरा?

देश में मच गई थी अफरातफरी 

इंदिरा गांधी ने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से आर्टिकल 352 का इस्तेमाल करते हुए आपातकाल के कागजात पर दस्तखत करवाया था. उस वक्त इंदिरा गांधी ने कैबिनेट को भी इसकी जानकारी नहीं दी थी, केवल कुछ विश्वस्त लोगों के पास ही यह जानकारी थी कि देश में आपातकाल लागू होने वाला है. 26 जून की सुबह इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो के स्टूडियो से देशवासियों को आपातकाल की जानकारी दी थी. जिसके बाद देश में अफरातफरी मच गई, लोग खौफजदा थे कि आखिर आगे क्या होगा?

IMG 20230604 105636 460

IMG 20230522 WA0020

विपक्षी नेताओं को रातोंरात डाल दिया गया था जेल में

आपातकाल लागू होते ही सेना ने मोर्चा संभाल लिया था. विपक्षी नेताओं को रातोंरात गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया, जिनमें जयप्रकाश नारायण (जेपी), अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता शामिल थे. संजय गांधी ने अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री को उन लोगों की लिस्ट सौंप दी थी, जो इमरजेंसी का विरोध कर रहे थे. आदेश साफ था विरोध की हर आवाज को दबा दिया जाए. अखबारों में इंदिरा गांधी के खिलाफ कोई खबर न छपे, इसके लिए अखबारों की बिजली काट दी गई. अखबारों में सेंसरशिप लागू कर दी गई. कांग्रेस के बड़े नेता और अधिकारी अखबारों के दफ्तरों में बैठकर हर खबर को पढ़ने के बाद ही छापने की इजाजत देते थे.

Sanjivani Hospital New Flex 2023 Bittu G

कोर्ट में दी थी चुनौती

1971 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला और इंदिरा गांधी ने बड़े मार्जिन से अपने प्रतिद्वंद्वी राज नारायण को हराया था. इस दौरान आरोप लगा था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया. राज नारायण ने इंदिरा गांधी के चुनाव जीतने को लेकर कोर्ट में चुनौती दी. 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद्द करते हुए अगले 6 वर्ष तक उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी. इंदिरा गांधी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

IMG 20230324 WA0187 01

पद से इस्तीफा देने के अलावा नहीं बचा था दूसरा रास्ता

24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहरा दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि इंदिरा गांधी को एक सांसद के तौर पर मिलने वाले सभी विशेषाधिकार बंद कर दिए जाएं और उन्हें मतदान से भी वंचित कर दिया गया. हालांकि, उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर बने रहने की छूट दी गई. ऐसे में इंदिरा गांधी के पास अपने पद से इस्तीफा देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था. लेकिन संजय गांधी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.

जेपी के नेतृत्व में पूरे देश में शुरू हो चुके थे प्रदर्शन 

पूरे देश में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में प्रदर्शन शुरू हो चुके थे. 25 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में जेपी की एक बड़ी रैली होनी तय थी, इसको लेकर आईबी को विद्रोह के इनपुट मिले थे. बस फिर क्या था इंदिरा गांधी ने कैबिनेट में चर्चा किए बिना देश में आपातकाल की घोषणा कर दी. 25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल 21 महीने तक चला और 1977 में खत्म हुआ. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादस्पद समय था.

IMG 20230606 WA0083

पीएम मोदी ने आपातकाल को कभी न भूला पाने का समय बताया

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आपातकाल को देश के इतिहास में कभी न भूला पाने का समय बताया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और देश में लोकतंत्र की भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. आपातकाल हमारे देश के इतिहास का कभी ना भूला जा सकने वाला समय है, जो संविधान के मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है’

IMG 20230620 WA0060

IMG 20230416 WA0006 01

20201015 075150