शिक्षक भर्ती दूसरे राज्यों के लिए खोलने पर रोष, नीतीश सरकार के खिलाफ कल बड़ा आंदोलन करेंगे अभ्यर्थी
बिहार शिक्षक भर्ती में स्थायी निवासी की अनिवार्यता हटाने के खिलाफ राज्य के अभ्यर्थियों में भारी रोष है। शिक्षक अभ्यर्थियों ने नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। इसके तहत शनिवार को राजधानी पटना में बड़ा प्रदर्शन होगा। राज्यभर के अभ्यर्थी पटना में चक्का जाम कर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। अभ्यर्थियों की मांग है कि नीतीश सरकार दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बिहार शिक्षक बहाली में शामिल करने के फैसले पर पुनर्विचार करें। साथ ही, वे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान से भी नाराज हैं। अभ्यर्थी उनका विभाग बदलने की मांग कर रहे हैं।
औरंगाबाद के शिक्षक अभ्यर्थी राज रविकेश, पवन कुमार और आमिर हुसैन ने हिन्दुस्तान को बताया कि बीपीएससी ने शिक्षक बहाली की घोषणा की थी। अब इसमें आवेदन करने वाले लोगों के लिए बिहार का होना बाध्यता नहीं है। किसी भी राज्य के अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बहाली के बीच में इस तरह का नियम परिवर्तित करना अभ्यर्थियों के साथ धोखा है। सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है और अब उल्टे बहाली में नए-नए पेंच डाल रही है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि डोमिसाइल नीति के हटने से यहां के युवाओं के लिए रोजगार का अवसर कम हो गया है। बिहार सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। पूर्व में सरकार ने नौकरी देने की बात कही थी और अब जो नौकरी के अवसर आने वाले हैं, उसी में परिवर्तन कर दिया जा रहा है। इसी के चलते 1 जुलाई को पटना में चक्का जाम किया जाएगा।
बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में शिक्षक बहाली नियमावली में संशोधन की मंजूरी दी गई। इसके तहत नियमावली में अभ्यर्थी के बिहार का स्थायी निवासी होने की बाध्यता को हटा दिया गया। यानी कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार की शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकते हैं। राज्य में अभी 1.70 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है।
शिक्षा मंत्री के बयान पर भी भड़के अभ्यर्थी
दूसरी ओर, शिक्षक अभ्यर्थियों में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर भी नाराजगी जाहिर की है। शिक्षा मंत्री ने भर्ती नियमावली में बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमें कुछ विषयों के अभ्यर्थी पूरे नहीं मिल पाते हैं। इससे सीटें खाली रह जाती हैं। देशभर के योग्य अभ्यर्थी जो बेरोजगार हैं वे भी अब बिहार में आवेदन कर सकते हैं। इससे राज्य में बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा। अभ्यर्थियों ने इस शिक्षा मंत्री के इस बयान पर भी आपत्ति जताई है।