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बिहार: डीजल अनुदान में फर्जीवाड़ा होने पर अफसरों से होगी वसूली, सरकार ने पदाधिकारियों को दी सख्त चेतावनी

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डीजल अनुदान में फर्जीवाड़ा होने पर कृषि विभाग के अफसरों से वसूली की जायेगी. जांच में अनियमितता पाये जाने पर संबंधित कृषि समन्वयक, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी. इनलोगों से ही राशि की भी वसूली की जायेगी. कृषि निदेशालय की ओर से यह आदेश जारी किया गया है. किसानों की ओर से खरीदे गये डीजल का उपयोग खेती कार्य में हुआ है कि नहीं, इसकी कृषि समन्वयक जांच करेंगे. संतुष्ट होने के बाद इससे संबंधित जियो टैग फोटो अपलोड करेंगे. आवेदन स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना किसान के मोबाइल पर एसएमएस से भेजी जायेगी.

पदाधिकारियों को निर्देश

कषिृ समन्वयक आठ दिनों में आवेदन स्वीकृत या अस्वीकृत कर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को ऑनलाइन ही भेजेंगे. यही कार्य अनुमंडल कृषि पदाधिकारी चार दिनों में कर जिला कृषि पदाधिकारी को भेजेंगे. जिला कृषि पदाधिकारी तीन दिनों में आवेदन की स्वीकृति देकर भुगतान के लिए भेजेंगे. अगर कृषि समन्वयक निर्धारित अवधि में आवेदनों का सत्यापन नहीं करते हैं तो आवेदन स्वत: स्वीकृत माना जायेगा और अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के पास चला जायेगा.

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प्रखंड से लकर राज्य स्तर के अधिकारी करेंगे जांच

ऑनलाइन आवेदनों के सत्यापन के लिए प्रखंड से प्रमंडल स्तर के अधिकारी रैंडम जांच करेंगे. प्रखंड कृषि पदाधिकारी 10 फीसदी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सात फीसदी, जिला कृषि पदाधिकारी पांच तथा प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक दो फीसदी आवेदनों की रैंडम जांच करेंगे.

किसानों को भी शिकायत का अवसर

किसानों को भी आवेदन के संबंध में शिकायत का अवसर मिलेगा. किसान डीजल अनुदान अनुश्रवण समिति के समक्ष अपनी शिकायत रख सकते हैं. पंचायत और शहरी निकाय क्षेत्र के लिए अनुश्रवण समिति गठित की गयी है. पंचायत में मुखिया और निकाय क्षेत्र में अध्यक्ष समिति के अध्यक्ष होंगे. शिकायत पर 15 दिनों में कृषि समन्वयक जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. जांच के बादशिकायत सही पाये जाने पर भुगतान के लिए निर्णय लिया जायेगा.

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डीजल अनुदान के लिए 22 से शुरू है आवेदन

डीजल अनुदान के लिए 22 जुलाई से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. डीजल पंपसेट से सिंचाई के लिए 75 रुपये प्रतिलीटर की दर से अनुदान मिलेगा. खरीफ फसलों की डीजल पंपसेट से सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 750 रुपया अनुदान निर्धारित किया गया है.

खरीफ मौसम में सामान्य से कम बारिश होने के कारण राज्य सरकार द्वारा फसलों की सिंचाई करने पर किसानों के लिए डीजल अनुदान का एलान किया गया है. 22 जुलाई से डीजल अनुदान के लिए विभागीय साइट पर ऑन लाइन आवेदन जमा होने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, डीजल अनुदान के रूप में किसानों को 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान का लाभ मिलेगा. एक किसान अधिकतम आठ एकड़ खेत की सिंचाई के लिए अनुदान लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसमें बिचड़ा आच्छादन के लिए अधिकतम दो सिंचाई के लिए 1500 रुपये की दर से अनुदान प्राप्त कर सकेंगे.

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इसी तरह धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसल में शामिल दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी के अधिकतम तीन सिंचाई के लिए किसानों को 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से डीजल अनुदान मिलेगा. डीजल अनुदान आवेदन के साथ किसानों को साक्ष्य/कागजात भी जमा कराना होगा. ताकि अनुदान के लिए उनके दावों की सत्यता की जांच की जा सके. डीजल अनुदान का लाभ एक परिवार के एक सदस्य को ही मिलेगा.

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खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए 75 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलेगा अनुदान

किसानों को खरीफ फसलों की डीजल पंपसेट से सिंचाई करने के लिए खरीदे गये डीजल पर 75 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान मिलेगा. किसान अधिकतम 750 रुपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान के रुप में प्राप्त कर सकेंगे. किसानों को धान का बिचड़ा और जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़, धान, मक्का या अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम तीन बार सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़, प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान देय होगा.

डीजल अनुदान की राशि में हुई वृद्धि

पिछले साल की तुलना में इस बार किसानों को डीजल अनुदान के तौर पर अधिक राशि मिलेगी. पिछले साल 60 रुपये प्रति लीटर की दर से डीजल अनुदान मिला था. लेकिन इस साल 75 रुपये की दर से किसानों को अनुदान मिलेंगे. इसी तरह धान के बिचड़े की सिंचाई के लिए इस साल 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से अधिकतम दो सिंचाई के लिए 1500 रुपये अनुदान मिलेंगे. जबकि पिछले साल कृषि विभाग के द्वारा किसानों को धान के बिचड़े की सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 600 व दो एकड़ के लिए अधिकतम 1200 रुपये दिये गए थे. वहीं इस साल धान व दूसरे फसल की तीन सिंचाई करने पर किसानों को 1800 की जगह 2250 रुपये प्रति एकड़ रुपये दिये जायेंगे.

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बटाईदार भी ले सकेंगे अनुदान का लाभ

वैसे किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं (गैर-रेयत) उन्हें प्रमाणित / सत्यापित करने के लिए संबंधित वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक द्वारा पहचान कराना अनिवार्य है. केवल वैसे ही किसान को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिन्होंने वास्तव में डीजल का उपयोग कर सिंचाई किया है. जानकारी के मुताबिक अनुदान वितरण के पूर्व कृषि समन्वयक के द्वारा इसकी जांच की जाएगी कि डीजल की खरीद करके वास्तव में किसान ने सिंचाई के लिए उपयोग किया या नहीं. बता दें कि किसानों को डीजल अनुदान के लिए ऑन लाइन आवेदन के साथ अधिकृत पेट्रोल पंप से डीजल खरीदने के बाद डिजिटल पावती रसीद (डिजिटल वाऊचर) जिसमें किसान का 13 अंक का पंजीकरण संख्या का अंतिम दस नंबर लिखा हो, वो लगाना होगा. 22 जुलाई से 30 अक्टूबर 2023 तक सिंचाई के लिए खरीदे गये डीजल के लिए ही यह मान्य होगा.

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