‘अति-पिछड़ा आरक्षण बचाओ मोर्चा’ की पदयात्रा शुरू, कर्पूरीग्राम से राज्य सभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने झंडी दिखाकर किया रवाना
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समस्तीपुर : ‘अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नीतीश सरकार द्वारा मूल अतिपिछड़ा श्रेणी में शामिल किये गए संपन्न जातियों तेली, तमौली और दांगी को हटाने समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर समस्तीपुर से पदयात्रा की शुरुआत हुई। पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव कर्पूरीग्राम से पटना के लिए पदयात्रा की शुरुआत हुई। इस पदयात्रा को राज्यसभा सांसद व कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इससे पूर्व सांसद रामनाथ ठाकुर, विधान पार्षद सह ‘अति-पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा’ के बिहार संयोजक प्रो. रामबली सिंह चन्द्रवंशी सहित मोर्चा के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जननायक के स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान सांसद रामनाथ ठाकुर ने पदयात्रा में शामिल लोगों को शुभकामनाएं दी।
वहीं मोर्चा के संयोजक सह एमएलसी प्रो. रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि पांच सूत्री मांगों को लेकर पदयात्रा पर निकल रहे है। यह यात्रा कर्पूरीग्राम से चलकर 7 अक्टूबर को पटना के मिलर स्कूल पहुँचेगी। उनकी मुख्य मांग तेली, तमौली और दांगी समाज के लोगों को अतिपिछड़ा का लाभ मिल रहा है, जबकि ये जातियां आर्थिक रूप से ज्यादा सुदृढ़ हैं। इनके कारण करीब 110 जातियां ऐसी हैं, जिनको आरक्षण का लाभ नही मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि वो इन जातियों के अरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, पर उन्हें अतिपिछड़ा वर्ग से हटाकर अन्य श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। अतिपिछड़ा पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए एससी/एसटी की तर्ज पर कानून बनाने की मांग, पंचायत और निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 33 फीसदी करने, रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, जिसमें 95 फीसदी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने की बात की गई है। इसके अलावा मोर्चा की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर, अब्दुल क्यूम अंसारी एवं दशरथ मांझी को मरनोपरांत भारतरत्न से सम्मानित करने की मांग की गई है।
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