दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेन से कटकर मां-बेटी व पोती की मौत, रेलवे गुमटी पार करने की जल्दबाजी में गई तीनों की जान
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दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड के दोनार गुमटी पर रविवार सुबह रेलवे गुमटी पार करने की जल्दबाजी में एक ही परिवार की दो महिलाएं, एक बच्ची और एक बच्चा कोलकाता-जयनगर एक्सप्रेस की चपेट में आ गये। हादसे में दोनों महिलाओं की मौके पर मौत हो गई, जबकि डीएमसीएच की इमरजेंसी में बच्ची की मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल बच्चे का इलाज डीएमसीएच में हो रहा है। घटना में मृत दोनों महिलाएं मां-बेटी थीं। उनकी पहचान तारडीह प्रखंड के सकतपुर थाना क्षेत्र के बैका गांव निवासी मो. हमीदुल्ला की पत्नी शहजादी खातून (65) और पुत्री छोटकी परवीन उर्फ रोशनी खातून (35) के रूप में हुई है। मृत बच्ची शहजादी की पोती व मो. अफताब आलम की पुत्री अक्शा परवीन (04) बताई गयी है। गंभीर रूप से घायल बच्चा शहजादी का पोता व मो. अंसार आलम का पुत्र सैफ बाबू (03) है।
प्रत्यक्षदर्शी दोनार निवासी राजा दास ने घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। उसने कहा कि दुर्घटना सुबह करीब 9:30 बजे। लहेरियासराय की ओर से कोलकाता-जयनगर ट्रेन आ रही थी। इसी दौरान दोनों महिलाएं दोनों बच्चों के साथ गुमटी पार करने लगीं। इसी दौरान वे ट्रेन की चपेट में आ गईं। दुर्घटना के बाद दोनों बच्चों को जीवित देख उन्हें लेकर डीएमसीएच इमरजेंसी पहुंचे। वहां कुछ देर बाद एक बच्ची ने दम तोड़ दिया।
मृतका के परिजन मो. सितारे ने बताया कि मेरी नानी शहजादी खातून अपनी विवाहिता पुत्री छोटकी परवीन उर्फ रोशनी खातून और पोते-पोती के साथ गांव से दरभंगा जेल में बंद अपने बेटे मो. सरताज से मिलने आ रही थी। अलीनगर से आनेवाली बस ने उन्हें दिलावरपुर में उतार दिया। वहां से पैदल दोनार गुमटी पार करने के दौरान यह घटना हुई। छोटकी परवीन उर्फ रोशनी खातून की ससुराल मनीगाछी थाना क्षेत्र के वाजिदपुर गांव में है। उसके पति मो. शहजादे दिल्ली में सिलाई का काम करते हैं। उन्हें कोई संतान नहीं है।
डॉक्टरों ने बताया कि इलाजरत बच्चे को पहले से चमकी की बीमारी है। इस वजह से उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। उधर, जीआरपी थाना अध्यक्ष रामजी उपाध्याय ने कहा कि रेलवे ट्रैक से दो शवों को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया। घटनास्थल होम सिग्नल से बाहर होने के कारण अग्रेतर कार्रवाई सदर थाने की पुलिस करेगी। सदर थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने कहा कि तीनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।