वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने पूरे किये 50 साल, पहले जयंती जनता के नाम से समस्तीपुर से ही चलती थी यह ट्रेन
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर रेल मंडल के सहरसा से नई दिल्ली तक जाने वाली वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन ने आज अपने सफर का 50 वर्ष पूरा कर लिया है। इसको लेकर समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को दुल्हन की तरह सजी वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस का स्वागत केक कटिंग कर किया गया।
बता दें की नई दिल्ली के लिए समस्तीपुर रेल मंडल से कई ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। लेकिन अब भी समस्तीपुर रेल मंडल हो या सोनपुर रेल मंडल, दिल्ली जाने वाले यात्रियों की पहली पसंद वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ही है। पहले यह ट्रेन बरौनी से खुलती थी। बाद में वर्ष 2019 से इस ट्रेन को विस्तार करते हुए सहरसा जंक्शन तक ले जाया गया। जिससे कोशी क्षेत्र के लोगों के लिए भी नई दिल्ली के वैशाली ट्रेन की सुविधा मिलने लगी है।
ललित नारायण मिश्र ने दिया था जयंती जनता नाम :
पूर्व में वैशाली एक्सप्रेस का नाम जयंती जनता सुपरफास्ट ट्रेन था। 31 अक्तूबर 1973 को तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने जयंती जनता एक्सप्रेस को समस्तीपुर से हरी झंडी दिखाई थी। शुरुआत में यह ट्रेन समस्तीपुर से गोरखपुर होकर लखनऊ तक सप्ताह में 4 दिन चलती थी। दो जनवरी 1975 को इस ट्रेन का का विस्तार मुजफ्फरपुर तक किया गया। इसके बाद यह छपरा सिवान के रास्ते दिल्ली तक जाने लगी। बाद में इसका विस्तार समस्तीपुर व बरौनी तक कर दिया गया।
कैसे नाम हुआ वैशाली एक्सप्रेस.
खास बात यह है कि वर्ष 1970 में कटिहार, कानपुर, अनवरगंज, आगरा फोर्ट के लिए छोटी लाइन में वैशाली एक्सप्रेस के नाम से ट्रेन चलती थी। बाद में इस ट्रेन को बंद कर दिया गया। लखनऊ और कानपुर रूट पर इस ट्रेन को लाने के लिए जयंती जनता का नाम बदलकर वैशाली सुपरफास्ट ट्रेन कर दिया गया। वैसे भारतीय रेलवे ने इस नाम पर मिटाया नहीं है। गाड़ी संख्या 16381 जो पुणे से कन्याकुमारी तक जाती है, उस ट्रेन का नाम आज की तारीख में जयंती जनता ही है। ऐसे में नाम और नंबर दोनों इस ट्रेन के अब अलग-अलग हो चुके हैं, सुविधाएं तो नाम बदलने के साथ ही खत्म कर दिये जा चुके हैं। आज की तारीख में वैशाली एक्सप्रेस एक आम ट्रेन बन कर रह गया है।
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