फर्जी शिक्षक मामले में DM ने लिया संज्ञान, DEO ने प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को दिया आदेश, BEO ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनुयुक्ति को किया रद्द
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समस्तीपुर/विभूतिपुर [विनय भूषण] :- जिला शिक्षा विभाग में पक रही ‘बीरबल की खिचड़ी’ का स्वाद डीएम योगेन्द्र सिंह चखेंगे। इसके लिए डीईओ मदन राय ने अलग-अलग तिथियों में प्रकाशित समाचार रुपी हांडी और कार्यालय से जारी पत्र रुपी अलाव का सहारा लेने की कवायद तेज कर दी है। अब, देखना यह शेष है कि रिमाइंडर की रस्सी से लटकी हांडी में कब तक कार्रवाई रुपी खिचड़ी पकती है और इसका रसास्वादन जिलाधिकारी को हो पाता है।
दरअसल, विगत 24 अगस्त को स्थानीय संवाददाता विनय भूषण ने ‘शिक्षा विभाग की कारगुजारी, फर्जी शिक्षकों को कर दिया करोड़ों का भुगतान’ शीर्षक से खबर लिखने का प्रयास किया था कि विभूतिपुर प्रखंड में एक टीईटी प्रमाण पत्र पर कई शिक्षक कार्यरत हैं। अमान्य शिक्षण संस्थान व शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी रहने के कारण पूर्व में हो चुकी कार्रवाई के बावजूद फर्जी शिक्षकों को बीईओ द्वारा पुनर्योगदान और फिर वैसे शिक्षकों को भुगतान करवा दिया जाना था। जबकि, विगत 25 अगस्त को ‘फर्जी शिक्षिका को बनाया प्रभारी एचएम, सात लाख हो गए साफ’ नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर में यह दिखाने का प्रयास हुआ था कि बीईओ द्वारा फर्जी शिक्षिका प्रतिभा कुमारी को प्रावि सरगाहां खैराज का एचएम बना दिया गया और फिर एचएम ने विद्यालय के बैंक खाते से सात लाख रुपए की निकासी कर ली।
हालांकि, खबर प्रकाशन के बाद विद्यालय भवन निर्माण की दिशा में उठाव की गई राशि का खर्च दिखाने का प्रयास हुआ। वहीं विगत 2 सितम्बर को ‘विभूतिपुर में फर्जी शिक्षकों व स्वेच्छा से त्यागपत्र देने वालों का करवा दिया योगदान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर शिक्षा विभाग के ऐसे कारनामें को दिखाने का प्रयास हुआ था कि बीईओ द्वारा फर्जी व स्वेच्छा से त्यागपत्र देने वाले शिक्षकों का प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी विभाग में प्रक्रियाधीन बताकर योगदान करने का रहा है।
अब, जब जिला शिक्षा पदाधिकारी ने समाचार से संबंधित प्रतिवेदन में डीएम की समीक्षा बाधित होने का हवाला देकर बीईओ को प्रकाशित समाचार से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है तो विभाग में हड़कंप मचा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्यालय से जारी पत्र में कहा है कि पूर्व में उक्त तीनों तिथि को प्रकाशित समाचार का कतरन की छायाप्रति भेजते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया था, जो अब तक अप्राप्त है। यह कृत्य उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना तथा कार्य के प्रति लापरवाही बरतने का परिचायक है।
उन्होंने जिला पदाधिकारी का हवाला देते हुए कहा है कि बीईओ द्वारा प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण ना तो अवलोकनार्थ प्रतिवेदन भेजी जा सकी है और ना हीं प्रतिवेदन की समीक्षा हीं हो सकी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्मारित कराते हुए पत्र प्राप्ति के साथ हीं स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया है। कहा है कि विलंब की स्थिति में सारी जवाबदेही बीईओ की होगी। इधर, पूछे जाने पर बीईओ कृष्णदेव महतो ने बताया कि डीईओ द्वारा मांगी गई प्रतिवेदन तैयार कर उन्हें भेजी जा रही है।
बीईओ ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनुयुक्ति को किया रद :
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो ने प्रखंडाधीन एक शिक्षकीय विद्यालय किसी अन्य विद्यालय में प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद कर दी है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बीपीएससी अध्यापक की नियुक्ति हो जाने के कारण ऐसा किया गया है। विगत 2 दिसम्बर को कार्यालय से जारी पत्र की तिथि से प्रतिनियुक्ति रद करते हुए निदेश दिया गया है कि वैसे सभी प्रतिनियुक्त शिक्षक अपने मूल विद्यालय में योगदान करना सुनिश्चित करेंगे।
साथ हीं एक सप्ताह के अंदर उक्त विद्यालय के मूल शिक्षक को प्रभार हस्तगत कराते हुए उन्हें सूचना उपलब्ध कराना होगा। अन्यथा, मूल विद्यालय में योगदान नहीं करने वाले शिक्षक का वेतन स्थगित किया जाएगा। इधर, बीईओ कार्यालय से जारी पत्र काफी चर्चे में इसलिए भी बताए जा रहे हैं कि इससे फर्जी शिक्षकों से जुड़े मामले भी जल्द प्रकाश में आ सकते हैं।