जरूरी खबर! बिहार के थानों में घर बैठे कर सकेंगे ऑनलाइन FIR; इन 9 सेवाओं के लिए नहीं जाना पड़ेगा थाना
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बिहार पुलिस द्वारा मिशन जनसेवा के तहत चरित्र प्रमाण पत्र, पासपोर्ट व लाइसेंस सत्यापन सहित 9 प्रकार की जनसेवाएं ऑनलाइन/वाटसएप आदि के माध्यम से उपलब्ध करायी जाएंगी। अभी ये सेवाएं मैन्युअल कोड में दी जा रही हैं। इसे अब दोनों मोड में दिया जाएगा।
इनमें किरायेदार सत्यापन, अपार्टमेंट, व्यवसाय, सीसीटीवी इत्यादि के लिए सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने हेतु सहायता शामिल है। किसी भी दस्तावेज, फोन और वाहन चोरी की घटना में ई-प्राथमिकी/ ई-स्टेशन डायरी (सनहा) की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। कोई भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेगा। इसके लिए बिहार पुलिस की ओर से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) पर ‘सिटीजन सर्विस’ पोर्टल का लिंक दिया जाएगा। इस लिंक के माध्यम से ई-शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाएगी। लिंक पर जाकर संबंधित सेवा के लिए प्रक्रिया करना पड़ेगा। इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।
ई-शिकायत दर्ज किए जाने पर इसकी जांच कर उसे सनहा अथवा प्राथमिकी के रूप में दर्ज किया जाएगा। इसकी सूचना भी संबंधित व्यक्ति को दी जाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिणाम आधारित योजनाओं को लेकर 10 मिशन को वर्ष 2024 में लागू करने का लक्ष्य है। इस निर्णय के तहत मिशन जनसेवा को लागू किया जाएगा। इसके पूर्व मिशन अनुसंधान @ 75 दिन एवं मिशन सुरक्षा लागू करने की जानकारी पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि मिशन जनसेवा के तहत साथ ही नौ प्रकार की जनसेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएंगी।
इन सेवाओं की सुविधा प्राप्त करने वालों की पहचान के लिए उसके पहचान पत्र जांच फिलटर्स (आईडी वेरिफिकेशन फिलटर्स) भी लगाए जाएंगे ताकि किसी व्यक्ति के नाम पर कोई अन्य व्यक्ति इसका लाभ न उठा सके। मिशन जनसेवा के क्रियान्वयन के लिए नोडल विधि व्यवस्था प्रभाग होगा। एडीजी, मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में बताया कि मिशन जनसेवा का उद्देश्य नागरिक केंद्रित पुलिसिंग लागू करना है।
20 मिनट में डायल -112 की सेवा देने का लक्ष्य
एडीजी ने बताया कि मिशन जनसेवा के तहत 20 मिनट में आकस्मिक पुलिस रिस्पांश सेवा, एंबुलेंस व अग्निशमन सेवा के लिए डॉयल-112 की सुविधा 20 मिनट के अंदर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। 30 मिनट में किसी भी पुलिस कार्यालय व थाना पर शिकायतकर्ताओं की बातों की सुनने का लक्ष्य है। 30 दिनों में दिए गए शिकायत पत्र की जांच पूरी की जाएगी। वादी द्वारा रिपोर्ट की प्रति की मांग किये जाने पर संवेदनशील मामलों को छोड़कर उसे रिपोर्ट की प्रति दी जाएगी। आवश्यकता के अनुसार वादी को अनुसंधान प्रगति की जानकारी दी जा सकेगी। वादी को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी और सनहा की प्रति नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाएगी। वाटसएप समूह के माध्यम से लोगों को आवश्यक जानकारी दी जाएगी। वहीं, फेसबुक लाइव, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायतों की सुनवाई की जाएगी। एसपी से लेकर अपर थाना अध्यक्ष तक दो घंटे सुनवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि पांच जिलों पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर एवं गया में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया गया था। इसकी सफलता के बाद इसे अन्य जिलों में शुरू किया गया है।