बायोमेट्रिक जांच में पकड़ी गई फर्जी BPSC पास शिक्षिका गिरफ्तार, ना फोटो मिलान हुआ ना ही फिंगर प्रिंट
केके पाठक भले अवकाश पर हों, लेकिन उनकी शक्ति का असर बिहार में कायम है. केके पाठक की शक्ति का मंगलवार को बेगूसराय में असर दिखा. बायोमेट्रिक जांच में पकड़ी गई BPSC पास फर्जी शिक्षिका को देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया. शिक्षा विभाग को फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी कई शिकायतें मिली थी. इसके बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बड़ा आदेश दिया था. अब हरेक शिक्षक की जांच करायी जा रही है कि कोई फर्जी रूप से नियुक्त तो नहीं हुआ है. बेगूसराय जिला शिक्षा कार्यालय में चल रहे बायोमेट्रिक जांच के दौरान ही मंगलवार को एक शिक्षिका नुमा कुमारी फर्जी पायी गयी. उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है.
प्रथम चरण में नियुक्त हुई थी
जानकारी के अनुसार बेगूसराय में बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा टीआरई-1 में उत्तीर्ण होने के बाद विद्यालय में फर्जी तरीके से बहाल एक शिक्षिका को मंगलवार को बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ लिया गया. प्रथम चरण में नियुक्त शिक्षकों के लिए चल रहे जांच के दौरान उसे पकड़ा गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में चल रहे वेरिफिकेशन के दौरान फोटो नहीं मिलने पर संदेह के आधार पर पकड़ा गया. फिंगरप्रिंट का भी मिलन नहीं होने पर डीएम को इसकी सूचना दी गई. डीएम के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. दो महीने पहले भगवानपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय रघुनंदनपुर में महिला शिक्षिका नुमा कुमारी की तैनाती हुई थी. जो मुंगेर जिले के बरियारपुर की रहने वाली है.
फर्जी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज
बायोमेट्रिक जांच के दौरान फर्जी पाई गई महिला शिक्षिका पर जिलाधिकारी के आदेश पर शिक्षा पदाधिकारी ने यह कार्रवाई की है. फर्जी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर किया गया है. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने फर्जी शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया. प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट फरमान दानिश ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर बीपीएससी द्वारा प्रथम चरण में नियुक्त शिक्षकों का वेरिफिकेशन चल रहा था. इसी दौरान नुमा कुमारी का फोटो एवं बायोमेट्रिक मिलान नहीं हो सका. इसके बाद डीएम के आदेश पर नुमा कुमारी को नगर थाना के हवाले कर दिया गया है फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है.
कराया जा रहा है थम इंप्रेशन का मिलान
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे एक लाख से भी ज्यादा शिक्षकों के अंगूठे के निशान यानि थम इंप्रेशन का मिलान शुरू कर दिया है. ये वैसे शिक्षक हैं जो बिहार लोक सेवा आयोग यानि बीपीएससी की ओर से की गयी पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति में बहाल हुए हैं. पहले चरण में नियुक्त हुए सभी शिक्षकों के थम इंप्रेशन के मिलान का शुरू कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षकों को जिला मुख्यालय में ले जाकर अंगूठे के निशान का मिलान कराया जा रहा है.
विभागीय लोगों का कहना है कि शिक्षा विभाग ये सुनिश्चित करने में लगा है कि वही शिक्षक नियुक्त हुए हैं, जिन्होंने बीपीएससी की परीक्षा दी थी. इसके लिए बीपीएससी से अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान मांगे गये हैं जो परीक्षा केंद्र पर लिये गये थे. बीपीएससी से जो डेटा हासिल हुआ है उससे शिक्षकों के अंगूठे का मिलान कराया जा रहा है. पहले चरण में बीपीएससी से करीब एक लाख दो हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. उन सभी के अंगूठे का निशान मिल चुका है.
फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद कार्रवाई
शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि कई लोगों ने फर्जी नियुक्ति-पत्र बनवा लिया है और फर्जी नाम से स्कूलों में योगदान दे दिया है. इसके बाद अंगूठे के निशान का मिलान कराया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने अंगूठे के निशान के मिलान के दौरान संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को मौजूद रहने को कहा है. प्रधानाध्यापक ये बतायेंगे कि यही शिक्षक उनके स्कूल में पिछले एक महीने से पढ़ा रहे हैं. हर जिले में ये काम शुरू कर दिया गया है और शिक्षा विभाग के स्तर पर इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.