इस साल 9 अप्रैल से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
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हिंदू नववर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि यानी चैत्र नवरात्रि से प्रारंभ हो जाता है. चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इसे हिंदूओं की पहली नवरात्रि मानी गई है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिन पूरी तरह से मां दुर्गा के नौ रूप के लिए अर्पित होते हैं. मोरवा के पंडित अमित झा के अनुसार इस साल यानी 2024 में 9 अप्रैल दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रही है.
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त :
पंडित अमित झा ने कहा कि पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी साल की 8 अप्रैल 2024 की रात के 11 बजकर 50 मिनट पर मुहूर्त शुरू हो रही है. अगले दिन 9 अप्रैल 2024 की रात 08 बजकर 30 मिनट पर मुहूर्त का समापन होगा. घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 7:57 से लेकर सुबह 9:53 के बीच है. बता दें, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्त कलशस्थापना करके मां दुर्गा का आह्वान करते हैं. 9 दिन भक्त व्रत का संकल्प करते हैं. माता की पूरे मन से पूजा करते हैं.
इस साल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही मां भगवती की पूजा की शुरुआत होगी। इस नवरात्र में सर्वार्थ अमृत सिद्धि, सिद्ध योग, रवि योग, प्रीति, आयुष्मान योग और पुष्य नक्षत्र का सुयोग बन रहा है। यही नहीं इस बार के नवरात्रि कईराजयोग के साथ भी बन रहे हैं। दरअशल इस बार नवरात्रि पर ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी है, यही कारण है कि इस बार नवरात्रि पर पांच राजयोग बन रहे हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार ऐसे अद्भुत संयोग के बीच होगी जब 5 राजयोगों का महासंयोग बना है।
कौन से बन रहे हैं राजयोग :
चंद्रमा इस दिन मेष राशि में है, जहां इसके साथ गुरु हैं, जो गजकेसरी योग बना रहे हैं। शुक्र मीन राशि में बुध के साथ लक्ष्मी नारायण योग, मेष राशि में सूर्य और बुध के संयोग से बुधादित्य राजयोग, शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में मालव्य राजयोग बना रहे हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि पर नौ अप्रैल को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग दोनों ही साथ पड़ रहे हैं। ये दोनों ही शुभ योग नौ अप्रैल को सुबह 7:32 बजे से लेकर पूरे दिन रहेंगे। इन सभी योगों को बहुत खास माना जाता है। आइए जानते हैं, इनसे राशियों पर क्या असर होगा।