पीएम मोदी से सम्मान तक फर्जी : मंगेतर को ठगने के लिये एम्स की नकली डॉक्टर का सिविल सेवा रिजल्ट भी फर्जी
खुद को दिल्ली एम्स की डॉक्टर बताने वाली जानवी सिंह फर्जी निकली। पटना में जानवी ने बेउर निवासी रवि रंजन को अपना शिकार बनाया था। छानबीन के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गई। उसके पास से दो आधार कार्ड, डॉक्टर का फर्जी आई कार्ड, एक मोबाइल और नकली जेवरात बरामद हुआ है।
दिल्ली में शादी का प्रस्ताव रखा
जानकारी के मुताबिक फेसबुक के माध्यम से बेउर के गंगा विहार निवासी रवि रंजन से जानवी सिंह की जान-पहचान हुई थी। कुछ दिनों की बातचीत के बाद प्यार परवान चढ़ा और जून माह में वो उससे मिलने दिल्ली चला गया। जहां जानवी ने शादी का प्रस्ताव रखा। इसके बाद रवि लड़की को लेकर पटना पहुंचा। परिजनों की सहमति से जुलाई महीने में शादी होना तय हुआ। इस बीच 15 जुलाई को दोनों ने सगाई कर ली।
रवि की मौसी पर लगाया चोरी का आरोप
शादी से कुछ दिन पहले रवि की मौसी पर लड़की ने 30 लाख के जेवरात की चोरी का आरोप लगा दिया। FIR बेउर थाने में दर्ज हुआ। पुलिस ने एफआईआर के आधार पर रवि रंजन के मौसी को पूछताछ के लिए बुलाया। इस बीच रवि को उसकी गतिविधियों पर शक हुआ। उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना का भी दावा किया था
जब छानबीन शुरू हुई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। जानवी सिंह उर्फ तनु प्रिया उर्फ ठाकुर प्रिंसी सिंह मुजफ्फरपुर की रहने वाली है। उसने फर्जी तरीके से दिल्ली एम्स के हार्ट सर्जरी विभाग का फर्जी आई कार्ड बना रखा था। इतना ही नहीं यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना का भी दावा किया था। पीएम के हाथों खुद को सम्मानित किए जाने की खबर पेपर में छपवा दिया था। जांच में इसका भी खुलासा हुआ।
रवि रंजन को अपने जाल में फंसाकर नकली जेवर के बदले असली जेवरात और रुपए लेकर भागने की फिराक में थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। अब जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
वहीं, इस संबंध में बेउर थाना के प्रशिक्षु डीएसपी ने बताया कि जब जानवी के परिजनों से बातचीत की गई तो यह पता चला है कि वो पिछले 3 महीने से घर के किसी सदस्य के संपर्क में नहीं थी। बाहर रहकर फर्जी काम करती थी। पुलिस गहराई से जांच कर रही है।