चिराग की लोकसभा सदस्यता को चुनौती, चुनावी हलफनामे में रेप केस को छिपाने का आरोप
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के हाजीपुर से लोकसभा की सदस्यता को लेकर चुनौती दी गई है। उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस कारण उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है।
तीनों ही जगह पर अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है। यह आरोप पटना के रहने वाले राकेश सिंह ने लगाया है। राकेश खुद को बीजेपी नेता बताते हैं। हालांकि बीजेपी ने इसका खंडन किया है।
आरोप है कि खगड़िया के शहरबन्नी में पैतृक संपत्ति की भी सही जानकारी चिराग पासवान ने अपने हलफनामा में नहीं दी है। सही तथ्यों को उन्होंने छिपाया है।
आरोप लगाने वाले का कहना है कि ‘उनकी अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है।’
दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में चिराग पर केस
शिकायत में कहा गया है कि ‘चिराग दलितों के साथ अन्याय कर रहे हैं। इनके हलफनामा (हाजीपुर लोकसभा चुनाव के दौरान जो चुनाव आयोग को दिया) को हमने पढ़ा है। उसका रिव्यू किया, तब पता चला कि दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में चिराग के ऊपर रेप का केस दर्ज है।
उस केस में पहले आरोपी उनके चचेरे भाई और राष्ट्रीय लोजपा के नेता और पूर्व सांसद प्रिंस राज हैं। जबकि, उसी केस के दूसरे आरोपी चिराग पासवान हैं। यह मामला साल 2021 का है। इस केस की जानकारी को उन्होंने अपने हलफनामा (हाजीपुर लोकसभा चुनाव के दौरान जो चुनाव आयोग को दिया) में दी ही नहीं। इसे चिराग ने छिपाया है।
इसके बाद ही इस मामले की खुद से पड़ताल की। रेप के उस केस की सर्टिफाइड कॉपी को दिल्ली हाईकोर्ट से निकलवाई। तब पता चला कि इस मामले में चिराग दिल्ली हाईकोर्ट की शरण में गए हुए हैं और उनसे इस मामले में एग्जम्प्ट करने की मांग की है।’
2 अगस्त को भेजा गया था नोटिस
शिकायत में आगे कहा गया है ‘13 अगस्त को अपीयर होने के लिए 2 अगस्त को इन्हें नोटिस भेजा गया था। वकील के माध्यम से उस दिन ये अपीयर हुए भी थे।
हालांकि, इस केस में अगली तारीख पड़ गई है। इसलिए जब भी अगली सुनवाई होगी तो सब कुछ सामने आ जाएगा। ऊपर से हाईकोर्ट ने इन्हें कहा है कि हम एग्जम्प्ट नहीं करेंगे। आपको ट्रायल में जाना होगा। रेप एक जघन्य अपराध है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर वहां 2021 में पुलिस ने FIR दर्ज की थी। इसकी जानकारी लिखित में देने की जगह उन्होंने छिपाई है।’
ये तो हैं बड़े जमींदार
शिकायत में कहा गया है कि ‘चुनावी हलफनामा में इन्होंने अपनी प्रॉपर्टी के बारे में भी तथ्य छुपाए हैं। उसमें सिर्फ पटना के एसके पुरी के घर के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि ‘खगड़िया के शहरबन्नी गांव में भी इनकी प्रॉपर्टी है। वहां 80 एकड़ की इनकी पैतृक संपत्ति है। जिसका बंटवारा नहीं हुआ है।
जब ये संपत्ति पहले से इनके पास है तो भी इसकी जानकारी उन्होंने छिपा ली। चिराग तो बहुत बड़े जमींदार हैं। ये कहते हैं कि हम दलित हैं। अगर उस संपत्ति में इनका हिस्सा भी होगा तो कम से कम 25 से 30 एकड़ का होगा।’
डिग्री को भी बताया फर्जी
शिकायत में चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है। इसकी भी शिकायत अपनी शिकायत में की है। दावा है कि ‘झांसी की जिस बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से जुड़े कंप्यूटर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी कॉलेज से 2005 में वो बीटेक की पढ़ाई करने की बात कर रहे हैं। उसमें भी झोल है।
वो झांसी में एक दिन भी किसी को दिखाई नहीं दिए। कॉलेज के रजिस्टर में एक दिन भी उनका अटेंडेंटस नहीं बना है। उन्होंने फर्जी डिग्री ली है।’