पटना में महिला पत्रकार का नहीं हुआ था अपहरण, जानिए फिर क्यों कहानी बनाकर पुलिस के पसीने छुड़ा दिए…
तस्वीर : सांकेतिक
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पटना में एक डिजिटल चैनल की कथित महिला पत्रकार के अपहरण का मामला झूठा निकला. महिला पत्रकार किसी परिचित से अपने अपहरण का प्रैंक कर रही थी, जिसके कारण पुलिस शनिवार की देर रात तक हलकान रही. महिला पत्रकार ने न केवल मजाक किया बल्कि थाने में लिखित आवेदन भी दी. उसके लिखित के अनुसार, एसकेपुरी और डायल 100 की टीम ने पहलवान घाट से लेकर बाेरिंग राेड और शिवपुरी तक सीसीटीवी कैमरों काे खंगाला लिया, लेकिन कहीं भी उसे बाइक पर जबरन बैठाता नहीं दिखायी दिया.
महिला पत्रकार ने पुलिस के सामने सच उगला
सचिवालय एसडीपीओ-2 साकेत कुमार ने महिला पत्रकार से बातचीत की ताे उसने पुलिस काे बताया कि अपहरण नहीं हुआ था बल्कि वह अपने परिचित से माेबाइल पर मजाक कर रही थी. साकेत ने बताया कि उसने झूठी बातें लिखकर थाने काे दी. उसका किसी ने एक वीडियाे पटना पुलिस मीडिया ग्रुप में डाल दिया था. जिसमें वह कह रही थी कि शनिवार की रात काे बाेरिंग राेड चाैराहा से ई-रिक्शा से राजीव नगर स्थित घर जा रही थी. मुझे कुछ शक हाे गया. चालक काे राेकने काे कहे ताे वह नहीं रुका. थाेड़ी दूर आगे बढ़ने पर दाे बाइक वाला आया और मुझे जबरन बाइक में बाइक बैठा लिया.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, पटना में एक महिला पत्रकार ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया था कि उसे अगवा करने की कोशिश की गयी. बताया कि कुछ बदमाश उसे अपने साथ जबरन लेकर गए और कुछ दूर ले जाकर सुनसान इलाके में उसे छोड़ दिया.शिकायतकर्ता का दावा था कि जब वो पटना के बोरिंग रोड इलाके में थी तो उसे जबरन दो युवक बाइक पर बैठा गए.
बाइक पर बैठाकर ले जाने का किया था दावा
महिला पत्रकार का दावा था कि राजीव नगर थाने के रोड नंबर-16 में वो रहती है. शनिवार की रात करीब नौ बजे बोरिंग कैनाल रोड के पहलवान मार्केट से वो अपने घर जा रही थी. इस दौरान ऑटो में उसके साथ कुछ मनचलों ने बदतमीजी की. उसके बाद उसे उतारा और अपनी बाइक पर जबरन बैठा लिया.
बेली रोड ले जाकर छोड़ने की कही थी बात
महिला पत्रकार ने श्रीकृष्णापुरी थाना पहुंचकर शिकायत की थी कि उसे बाइक पर लेकर बदमाश कुछ दूर गए. एक चाय दुकान पर कुछ लोगों को शक हुआ कि वह संकट में फंसी हुई है तो बचाने की कोशिश की. लेकिन बाइक सवार बदमाशों ने उसके आंख और मुंह को बंद कर दिया. उसके बाद कुछ दूरी पर ले जाकर उसे बेली रोड पर छोड़ दिया. वहीं पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो जो सच सामने आया वो कुछ और ही था.