समस्तीपुर: शहर से लेकर गांवों तक बढ़ी मिट्टी के दीये की मांग, कुम्हारों ने बढ़ाई चाक की रफ्तार
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समस्तीपुर :- दीपावली में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इसकी तैयारी पिछले एक माह से शुरू है। दुर्गा पूजा के बाद बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। मिट्टी के दीये बनाने वाले कुंभकारों में खासा उत्साह है। एक ओर मूर्तिकार व उनके परिवार के सदस्य दीये बना रहे हैं तो दूसरी ओर उनसे बाजारों के दुकानदार बड़े पैमाने पर दीये खरीद रहे हैं। जबरदस्त स्टाक करने में लगे हुए हैं। जिले में इसबार मिट्टी के दीये से ही घर जगमग होगा।
इसको लेकर बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की मांग एकाएक काफी बढ़ गई है। इन दिनों कुम्हार लगातार मिट्टी के दीए तैयार करने में लगे हुए हैं। मिट्टी के दीयों की बढ़ती मांग देखकर कुम्हार के चाक की स्पीड भी काफी तेज हो गई है। चकनूर के शत्रुध्न पंडित ने बताया कि इस साल भी मिट्टी के दीयों की बिक्री खूब तेजी से हो रही है। दीपावली में दीए बनाने के लिए उन्होंने एक महीना पहले से ही तैयारी कर ली है। मिट्टी के दीयों का स्टॉक भी पर्याप्त मात्रा में है।
मुन्ना कुम्हार ने कहा कि दीपावली में केवल मिट्टी का दीया में तेल डालकर दीपावली मनाते हैं। इससे जहां घर पवित्र होता है जबकि पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है। कीट पतंग भी समाप्त हो जाता है। मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल दीपावली के साथ साथ छठ पूजा में भी जमकर होता है। जिसकी वजह से दियों की बिक्री इन दिनों बढ़ी हुई है।
नवरात्र के प्रथम दिन से ही मिट्टी के दीयों की बिक्री शुरू
नवरात्र के प्रथम दिन से ही मिट्टी के दीयों की बिक्री शुरू हो जाती है। लोग मंदिरों में दिए जलाने के लिए मिट्टी के दीए का ही प्रयोग करते हैं। पिछले कुछ सालों से मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है। चाइनीस लाइटों के आगे दीए की रोशनी फीकी हो गई थी, लेकिन पिछले करीब 3 वर्षो से अधिकांश लोगों ने चाइनीस लाइटों का बहिष्कार कर दिया है। लोगों का मानना है कि हम जो पैसे देकर चाइनीज लाइट खरीदते हैं वह पैसे विदेशों में जाता है। यही कारण है कि एक बार फिर से कुम्हार की चाक ने स्पीड पकड़ लिया है। उनकी रोजी-रोटी एक बार फिर से चलने लगी। घर से लेकर सरकारी कार्यालय तक मिट्टी के दीयों से दिवाली में लोग सजाते हैं।
बाजार में हर वैरायटी के हैं मिट्टी के दिए
दीपावली के मौके पर बाजार में मिट्टी के दीए भी हर वैरायटी के मौजूद हैं। छोटे दिए बड़े दिए के अलावे कढ़ाई किये हुए दिए भी बाजार में मौजूद है जो अपनी खूबसूरती से लोगों को आकर्षित करती है। बाजारों में दिए 100 रुपये सैकड़ा से लेकर करीब 120 रुपये सैकड़ा है। जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आती जाएगी दीयों के दामों में उछाल होता जाएगा। लोगों ने दिवाली की तैयारी को लेकर पहले से ही बाजारों में दिए और अन्य सामानों की खरीदारी करना शुरू कर दिया है।