इंजन और कोच के बीच दबकर पोर्टर की मौ’त मामले में एक्शन, दो रेलकर्मी सस्पेंड; मुआवजा और भाई को नौकरी
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बरौनी जंक्शन पर शनिवार को इंजन व बफर के बीच दबकर मरने वाले रेलकर्मी पोर्टर अमर कुमार के मामले में रेल प्रशासन ने प्रथम दृष्टया दो रेलकर्मी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। एरिया मैनजर राजेश रंजन सहाय ने बताया कि फिलवक्त घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात पोर्टर मो. सुलेमान व लोको शंटर राकेश रौशन दो को घटना की जांच पूर्ण होने तक सस्पेंड कर दिया गया है। जांच कमेटी द्वारा घटना की एक -एक पहलू की विस्तृत जांच की जा रही है। हालांकि, सस्पेंड कर्मियों ने वरीय अधिकारियों के समक्ष बेकसूर साबित करने के लिए अपना-अपना पक्ष रखे हैं।
इधर, डीआरएम विवेक भूषण सूद की पहल पर मृतक के परिजनों को विभिन्न मदों में 44,52,085 की राशि की भुगतान की गई है। साथ ही मृतक अमर की विधवा मां किरण देवी की स्वीकृति के बाद अमर के भाई को अनुकंपा पर नौकरी देने की प्रक्रिया युद्धस्तर से शुरू कर दी गई है। विदित हो कि घटना के वक्त शंटिंग कार्य करने के लिए डयूटी पर तीन लोग तैनात थे। इसमें मृतक अमर कुमार के अलावा पोर्टर सुलेमान व लोको शंटर राकेश रौशन दो शामिल थे।
डीआरएम के निर्देश पर बनाई गई जांच टीम में सोनपुर मंडल के तीन वरीय अधिकारियों के साथ साथ स्थानीय अधिकारियों में टीआई हेमंत कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मणिकांत कुमार,सीएलआई डीएम तिवारी,आरपीएफ के नागेंद्र कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर फागु टुड्डू द्वारा घटना के विस्तृत जांच के लिए सीसीटीवी को भी खंगाला गया है। इसके साथ साथ डयूटी पर तैनात कर्मियों के भी घटना से संबंधित पल-पल की जानकारी इकठ्ठा की गई।
साथ ही, उनका बयान भी लिया गया। अब इसी के आधार पर स्थानीय सहित सोनपुर मंडल के अधिकारियों द्वारा घटना की सघन जांच प्रक्रिया आगे की ओर बढ़ाई जा रही है ताकि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच टीम द्वारा निष्पक्ष जांच की जा सके। जीआरपी द्वारा भी घटना की सघन छानबीन की जा रही है। इधर मृतक के परिजनों का कहना है कि घटना को लेकर जिस तरीके से जांच रिपोर्ट आयी है। उस जांच रिपोर्ट से वे लोग संतुष्ट नहीं है। कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
घटना की हो न्यायिक जांच ईसीआरईयू
बरौनी जंक्शन पर रेल कर्मचारी अमर कुमार की शंटिंग के दौरान हुई मौत पर ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज यूनियन ईसीआरईयू ने संवेदना व्यक्त की है। ईसीआरईयू के जोनल उपाध्यक्ष घनश्याम पासवान ने कहा कि शंटिंग के दौरान इस तरह की घटनाएं काफी दुखद हैं। शंटिंग तथा इंजन काटने एवं जोड़ने के समय एक शंटिंग मास्टर का रहना तथा सुपरविजन करना आवश्यक होता है जिसे नजरअंदाज किया गया। यूनियन इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करता है।