समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

Bihar Land Survey; जमीन के कागज नष्ट, तो दखल और साक्ष्य से तय होंगे मालिक

IMG 20241130 WA0079

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े 

बिहार में चल रहे जमीन सर्वे को लेकर आम लोगों के मन में विभिन्न शंकाओं को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मार्गदर्शिका जारी किया है. इसके अनुसार यदि रैयत के स्वामित्व संबंधी साक्ष्य प्राकृतिक आपदा या 50 वर्ष से अधिक लंबे समय तक रखरखाव में नष्ट हो गये हैं, तो उनको घबराने की जरूरत नहीं है. उनके शांतिपूर्ण दखल, न्यूनतम साक्ष्य और सरकार के पास उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर स्वामित्व का निर्धारण किया जायेगा.

वंशानुगत भूमि पर उत्तराधिकारियों के होगा स्वामित्व

इसके साथ ही सर्वे आवेदन में रैयतों को स्वहस्ताक्षरित वंशावली देनी है. पिछले सर्वे के खतियान के समय से ही जो रैयत गैर मजरूआ मालिक या बिहार सरकार की भूमि पर आवासीय दखलकार के रूप में हैं, उन्हें दखल के आधार पर स्वामित्व मिलेगा. साथ ही रैयतों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर किए गए बंटवारा के आधार पर किसी भी वंशानुगत भूमि पर उसके वर्तमान उत्तराधिकारियों के स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी.

IMG 20241210 WA0016

IMG 20230604 105636 460

आपसी सहमति पर आधारित सभी पक्षों के हस्ताक्षरित बंटवारा द्वारा के आधार पर सभी पक्षों यानी हिस्सेदारों का खाता अलग-अलग खुलेगा. हिस्सेदारों की असहमति होने पर संयुक्त खाता खुलेगा. अगर बंटवारा निबंधित हो अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा बंटवारा किया गया हो तो उसके आधार पर हिस्सेदारों का अलग-अलग खाता खोला जायेगा.

यदि जमीन खरीदार का भूमि पर शांतिपूर्ण दखल कब्जा है तो प्रस्तुत केवाला का निबंधन कार्यालय से सत्यापन कराने के बाद जमीन खरीदार के नाम से खाता खोला जायेगा. सर्वे में निबंधित केवाला के बाद दाखिल खारिज होने के बाद स्वामित्व निर्धारण किए जाने की बाध्यता निर्धारित नहीं है. रैयतों द्वारा विभिन्न कारणों से यदि जमाबंदी या लगान रसीद अपडेट नहीं है तो खतियान में स्वामित्व की स्थिति प्रभावित नहीं होगी. भूमि के वर्तमान वास्तविक दखल के अनुरूप ही खतियान निर्मित होगा.

IMG 20240904 WA0139

वंशावली में महिलाओं का नाम देना अनिवार्य 

वंशावली में सभी महिलाओं का नाम देना होगा. यदि महिला शपथ पत्र के माध्यम से संपत्ति में हिस्सेदारी से मना करती है तब खानापुरी प्रक्रम में उसका नाम दर्ज नहीं होगा. वहीं सक्षम न्यायालय द्वारा कोई बंटवारा हुआ है, तब उसके अनुरूप ही खानापुरी प्रक्रम में नाम दर्ज होगा. यदि वसीयतकर्ता स्वअर्जित संपत्ति का वसीयत केवल पुत्रों के पक्ष में किया है, तो ऐसे में पुत्रियों के नाम से खाता नहीं खुलेगा. अन्य सभी दशाओं में हर महिला को पिता की संपत्ति में नियमानुकूल हिस्सा मिलेगा. पहली जनवरी 1946 के समय आवंटन और जमींदारी उन्मूलन के समय रिटर्न में रैयत का नाम अंकित होगा और रसीद कट रही हो तो उत्तराधिकारी की रैयती मानी जायेगी. उनके नाम से खाता खोला जायेगा.

गैरमजरूआ भूमि के मामले में हुकुमनामा के आधार पर पहली जनवरी 1946 के पूर्व से ही कट रही रसीद एवं दखल के आधार पर स्वामित्व निर्धारण किये जाने से वैसे रैयत लाभान्वित होंगे, जिनसे संबंधित जमींदारी रिटर्न उपलब्ध नहीं है.अगर गैरमजरूआ भूमि की बंदोबस्ती रैयतों के साथ सक्षम प्राधिकार के द्वारा की गयी है और उस पर रैयतों का दखल कब्जा है और मकान है तब अंचलाधिकारी, अंचल में संधारित विविध वाद पंजी, जमाबंदी पंजी, ऑपरेशन दखलदेहानी प्रपत्र इत्यादि के आधार पर सत्यापन कर रिपाेर्ट देंगे. उन रैयतों का नाम भूमि पर दखल के अनुसार खेसरा पंजी में दर्ज की जायेगी.

Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaled

अगर संबंधित सभी रैयत भूमिहीन हैं और रैयती भूमि पर उनका मकान जांच के बाद पाया जाता है तो अंचलधिकारी बीपीपीएचटी एक्ट के अंतर्गत उसका वासगीत पर्चा निर्गत कर और दाखिल खारिज बाद जमाबंदी सृजित कर शिविर प्रभारी को सूचित करेंगे. इसके आधार पर उनके नाम और भूमि का विवरण खेसरा पंजी में दर्ज होगा.

पूर्व में गैर मजरूआ प्रकृति की भूमि की बंदोबस्ती रैयतों के पास विविध कारणों से अनुपलब्ध कागजातों के अभाव में अंचल स्तरीय अभिलेख के आधार पर खतियान का निर्माण करने से वैसे सभी भूमिहीन श्रेणी के रैयत लाभान्वित होंगे जिनके कागजात विविध कारणों से नष्ट हो गये है. साथ ही वैसे सुयोग्य श्रेणी भी लाभान्वित होंगे जो रैयती भूमि पर दखल में है.

Samastipur Town Adv

IMG 20240414 WA0005

IMG 20230818 WA0018 02

20201015 075150