बिहार में CBI का बड़ा एक्शन, NHAI के GM समेत चार लोग अरेस्ट; समस्तीपुर समेत अन्य जगहों पर हुए छापेमारी में एक करोड़ से अधिक कैश बरामद
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NHAI से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई की टीम ने पटना से NHAI के जनरल मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही साथ जांच एजेंसी ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के GM को भी अरेस्ट किया है। NHAI के जनरल मैनेजर के घर छापेमारी में एक करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद किया गया है। सीबीआई द्वारा पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें 1,18,85,000/- रुपये नकद (लगभग), कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए। फिलहाल जांच जारी है।
दरअसल, सोमवार की सुबह सीबीआई की टीम ने बिहार, झारखंड से लेकर वाराणसी तक छापेमारी की। सीबीआई ने 15 लाख रुपये की रिश्वत का लेन-देन करने के तुरंत बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक महाप्रबंधक सहित 04 आरोपियों और एक निजी कंपनी के महाप्रबंधक सहित तीन निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान 1.18 करोड़ रुपये नकद (लगभग) बरामद किए हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक महाप्रबंधक राम प्रीत पासवान और राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी के GM सुरेश महापात्र सहित तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर एनएचएआई के अनुबंधों/कार्यों से संबंधित बिलों को संसाधित करने और पारित करने में अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अवैध रूप से ली गई/दी गई 15 लाख रुपये की रिश्वत का तुरंत आदान-प्रदान किया गया। इस संबंध में की गई तलाशी में 1.18 करोड़ रुपये (लगभग) नकद बरामद किए गए।
सीबीआई ने 22 मार्च 2025 को एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक/महाप्रबंधक (जीएम)/अन्य वरिष्ठ रैंक के छह लोक सेवकों, एक निजी कंपनी, निजी कंपनी के चार वरिष्ठ प्रतिनिधियों सहित इसके दो जीएम के अलावा एक अन्य निजी ठेकेदार और अज्ञात अन्य लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह आरोप लगाया गया था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आरोपी लोक सेवक, निजी कंपनी के आरोपी प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत करके, अवैध रिश्वत के बदले में आरोपी निजी कंपनी को दिए गए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुबंधों/कार्यों से संबंधित बिलों के प्रसंस्करण और पारित करने में अनुचित पक्षपात/लाभ की सुविधा प्रदान कर रहे थे। यह भी आरोप लगाया गया था कि रिश्वत के पैसे का इंतजाम करने के बाद, निजी कंपनी के एक आरोपी प्रतिनिधि ने 22 मार्च 2025 को रिश्वत की रकम पहुंचाने के लिए आरोपी लोक सेवक से पटना में एक निश्चित स्थान (उसके आवास के पास) पर मिलना तय किया।
सीबीआई ने जाल बिछाया और निजी कंपनी के आरोपी प्रतिनिधि और राष्ट्रीय राजमार्ग के आरोपी महाप्रबंधक तथा निजी कंपनी के आरोपी महाप्रबंधक (रिश्वत देने वाले) को 15 लाख रुपये की रिश्वत देने के बाद रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत लेने वाले आरोपी लोक सेवक और रिश्वत देने वाले कंपनी के आरोपी निजी प्रतिनिधि के साथ-साथ उक्त रिश्वत राशि पहुंचाने में मदद करने वाले निजी कंपनी के दो अन्य प्रतिनिधियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई द्वारा पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें 1,18,85,000/- रुपये नकद (लगभग), कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए। फिलहाल जांच जारी है।