मजदूर का बेटा बना सेकंड टॉपर, बोला- मुझे पढ़ाने के लिए पिता कंधे पर बोरी ढो रहे हैं, अब मैं IAS बनूंगा…
सफलता साधनों की मोहताज नहीं होती। इसे सच साबित कर दिखाया है एक मजदूर के बेटे विवेक कुमार ठाकुर ने। दिल्ली में मजदूरी करने वाले लदनियां प्रखंड के गोनटोल निवासी श्याम सुंदर ठाकुर व गृहिणी छोटी देवी के दूसरे बेटे विवेक ने अपनी सफलता से सबको हैरान कर दिया।
मैट्रिक की परीक्षा में 486 अंक लाकर विवेक ने पूरे राज्य में दूसरा स्थान लाया है । बेहद कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले इस छात्र ने अपनी कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। विवेक ठाकुर का कहना है कि वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहता है। विवेक ने बताया कि उसके पिता दिल्ली में बोरा ढ़ोकर परिवार की गाड़ी खींच रहे हैं। घर चलाने में पिता की मदद के लिए बड़ा भाई भी काम करने दिल्ली चले गए।
34 दिन में जारी हुआ रिजल्ट
इस बार परीक्षा के 34 दिन के भीतर मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। परीक्षा 17 फरवरी से 24 फरवरी के बीच हुई थी। 25 फरवरी से ही कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हो गया था। ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के आंसर 8 मार्च को जारी किए गए थे। छात्रों को 11 मार्च तक आपत्तियों के लिए मौका दिया गया था। मैथ्स का पेपर मोतिहारी में लीक हो जाने के कारण यहां के 25 परीक्षा केंद्रों पर 24 मार्च को गणित की दोबारा से परीक्षा हुई। इसके कारण रिजल्ट में भी देरी हुई। छात्र biharboardonline.com व biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर इसे चेक कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इस वर्ष बिहार बोर्ड की परीक्षा में 16.11 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जिनमें 79.88 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं। बिहार बोर्ड ने इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा 17 से 24 फरवरी के बीच संपन्न करा ली थी और 25 फरवरी से कॉपी का मूल्यांकन शुरू कर दिया था। इतनी जल्दी रिजल्ट देकर बिहार बोर्ड ने एक बार फिर मिसाल कायम किया है।