बिहार में सोने का पलंग समेत पांच करोड़ का दान कर बुरा फंसा व्यवसायी, अब सफाई देने की आई नौबत
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में बेशकीमती पत्थर व सोना-चांदी से निर्मित पांच करोड़ रुपए का सामान दान करने के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को दानकर्ता पंजाब के करतारपुर निवासी डा. गुरविंदर सिंह सामरा उपस्थित नहीं हो सके। इस मामले में पंच-प्यारों ने दानकर्ता व जत्थेदार को अब 11 सितंबर को उपस्थित होकर पक्ष रखने का आदेश जारी किया है। उनके दान किए सामान की कीमत करीब पांच करोड़ रुपए बताई गई थी। उन्होंने सोने का बना हुआ पलंग भी दान किया था।
तीन घंटे पंज-प्यारे दोनों पक्षों का करते रहे इंतजार
तख्त श्री हरिमंदिर के दरबार साहिब में बुधवार को पंच-प्यारों में अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी भाई बलदेव सिंह,वरीय ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह, ज्ञानी भाई गुरुदयाल सिंह, ग्रंथी पशुराम सिंह व भाई सुखदेव सिंह 11 बजे से दो बजे तक दानकर्ता व जत्थेदार का इंतजार करते रहे। दोनों पक्ष तख्त श्री हरिमंदिर के दरबार साहिब में उपस्थित नहीं हुए।
दोपहर दो बजे के बाद अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी भाई बलदेव सिंह ने बताया कि दानकर्ता डा. गुरविंदर सिंह सामरा ने दो पन्ने के पत्र में अपनी मजबूरी का जिक्र कर विनयपूर्वक एक मौका देने की गुहार लगाई है। वहीं जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने पत्र भेजकर तबीयत खराब होने के कारण पंच-प्यारों के समक्ष अनुपस्थित होने की बात कही।
31 अगस्त को दिल्ली में जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने का आदेश
प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह हित ने दान की सामग्रियों से जुड़ा विवाद बढ़ता देख पांच सदस्यीय जांच टीम में दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश आरएस सोंधी को चेयरमैन, तख्त प्रबंधक समिति के सदस्य चरणजीत सिंह को संयोजक, तख्त श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह, केशगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरदीप सिंह और अल्पसंख्यक सेल के उपाध्यक्ष अजीत सिंब बिंद्रा को समिति का सदस्य बनाया है। दानकर्ता तथा जत्थेदार को 31 अगस्त को जांच समिति के समक्ष दिल्ली में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। अब सबकी नजर 31 अगस्त पर टिकी है।