6 महीने बाद गिरफ्तार हुई गायघाट महिला रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता, नशा देकर लड़कियों से गलत काम करवाने का आरोप
पटना के गाय घाट स्थित महिला रिमांड होम की सुपरिटेडेंट वंदना गुप्ता गिरफ्तार हो गईं। करीब 6 महीने से अधिक समय तक चले जांच के बाद पटना पुलिस ने शनिवार को सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें पूछताछ के लिए महिला थाना बुलाया गया था। SIT इंचार्ज व सचिवालय ASP काम्या मिश्रा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। दावा है कि SIT लगातार सबूत जुटाने लगी हुई थी। जब ठोस सबूत हाथ लगे तो वंदना गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाया गया। कई सवाल उनसे पूछे गए। कुछ सवालों के जवाब भी उन्होंने दिए हैं। इस मामले में ये पहली गिरफ्तारी है।
पूछताछ के बाद ही उन्हें महिला थाना से ही गिरफ्तार किया गया और फिर कोर्ट में पेश किया गया। वहां से कोर्ट ने उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया।
फरवरी महीने में दर्ज हुए थे दो FIR
गाय घाट की महिला सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता के खिलाफ रिमांड होम में ही रह चुकी दो लड़कियों ने लड़कों को वहां बुलवाने और उनका यौन शोषण करवाने का आरोप लगाया था। साथ ही नौकरी के नाम पर बाहर भेजने व रेप कराने का भी गंभीर आरोप लगाया था। मीडिया में इस मामले के आने के बाद पटना हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था। जिसके बाद लड़कियों के आरोपों के आधार पर जांच आगे बढ़ी। फिर इसी साल फरवरी महीने में दोनों लड़कियों के बयान पर अलग-अलग केस महिला थाना में दर्ज हुए थे।
पहली FIR 13/22 और दूसरी FIR 17/22 दर्ज हुई थी। इन दोनों ही केस की जांच के लिए पटना के SSP मानवजीत सिंह ढ़िल्लों ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई थी। जिसका इंचार्ज IPS काम्या मिश्रा को बनाया गया था।
कोर्ट ने खारिज कर दी थी अग्रिम जमानत याचिका
दोनों ही पीड़िताओं के पक्ष से इस केस को पटना हाईकोर्ट की वकील मीनू कुमारी लड़ रही हैं। कई मौकों पर इन्होंने पटना हाईकोर्ट और सिविल कोर्ट में पीड़िताओं के पक्ष को बहुत ही मजबूती के साथ रखा है। वंदना गुप्ता ने अग्रिम जमानत याचिका पटना सिविल कोर्ट में दायर की थी।
इनकी अग्रिम जमानत की भी वकील मीनू कुमारी ने कोर्ट में जबरदस्त विरोध किया था। 3-4 बार की सुनवाई के बाद कोर्ट ने भी अग्रिम जमानत की याचिका को कुछ दिनों पहले खारिज कर दिया था। हालांकि, SIT का दावा है कि उनकी जाँच लगातार चल रही थी। जब ठोस सबूत मिले तो उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
बता दें पटना के गाय घाट इलाके के महिला रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर रिमांड होम में रह चुकी एक अन्य लड़की ने गंभीर आरोप लगाए थे। लड़की का कहना है कि वहां की लड़कियों को बाहर के लोगों के साथ भेजा जाता था। सुपरिटेंडेंट ये कहकर भेजती थी कि जाओ तुम्हारी लाइफ बन जाएगी। पटना महिला रिमांड होम पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैलाने वाली बालिकाओं के आरोपों को निराधार बताकर इंचार्ज को क्लीन चिट दे दी गई थी। समाज कल्याण विभाग की जांच टीम ने पीड़िता को झगड़ालू बता दी है।
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि सारण बालिका गृह में रहने के दौरान समय-समय पर की गई काउंसिलिंग से ऐसा प्रतीत होता है कि बालिका का व्यवहार स्थिर नहीं है। उसके द्वारा अपने पति एवं अन्य पर गंभीर आरोप लगाए गए थे और उन आरोपों को उसने वापस भी लिया है। गृहों में रहने की अवधि में उसका स्वभाव अत्यंत झगड़ालू एवं उदंड प्रवृति प्रतीत होने की बात कही गई है। जांच में यह भी कहा गया है कि विभिन्न काउंसिलिंग से यह बात भी उभरकर आती रही है कि झूठ बोलना, अन्य बालिकाओं को उकसाना, गृह के कर्मियों की शिकायत करना, साथ ही गृह के कर्मियों की नौकरी खा जाने की धमकी देना, उसके स्वभाव में शामिल होना बताया गया है। बताया गया है कि 23 मई 2020 को अपने हस्त लिखित आवेदन में महिला ने कहा है कि मैं पति से तलाक लेना चाहती हूं एवं ससुराल पक्ष पर भी प्रताड़ना एवं बच्चे को छीन लेने का आरोप लगाया गया है।