बिहार में सरकार बदलते ही आजादी के अमृत महोत्सव पर लगी रोक; बीजेपी का बड़ा आरोप
बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी नीतीश कुमार और राजद पर लगातार हमले कर रही है। पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने नीतीश सरकार पर आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को रोकने का आरोप लगाया है। रविवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नितिन नवीन ने कहा कि राज्य में सरकार बदलने के बाद आजादी के अमृत महोत्सव से छात्र-छात्राओं को रोका जा रहा है। कोरोना का बहाना बनाकर 15 अगस्त को स्कूलों में किसी भी आयोजन पर रोक लगा दी गई है, जबकि सूबे में कोरोना के मामले कम हुए हैं।
उन्होंने कहा कि देश के साथ बिहार में भी आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। लोगों को देश की आजादी का महत्व बताया जा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में पिछले दिनों उन्होंने स्कूली बच्चों के बीच आजादी के संदेश को प्रचारित करने लिए स्कूलों के साथ बैठक की, जिसके बाद एक पत्र जारी किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूलों में अमृत महोत्सव मनाए जाने की बात थी। लेकिन, सरकार बदलते ही 12 अगस्त को एक नया आदेश जारी किया गया, जिसमें राज्य में कोविड का हवाला देकर किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने की बात कही गई है। नितिन नवीन ने कहा कि राज्य में कोविड के केस लगातार कम हुए हैं। बीते 15 दिनों में औसतन 120 से 130 केस ही मिल रहे हैं।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नितिन नवीन ने कहा कि सरकार कितने दिनों तक चलेगी, यह सबको पता है। पहले राज्य में रामराज्य की सरकार थी और अब फिर से जंगलराज की सरकार आ गई है। सरकार बदलने का असर दिखने लगा है। तेजस्वी यादव अब अपने वादों को पूरा करें।
जेडीयू का पलटवार, कहा- सत्ता जाते ही भाजपा को दिखने लगा जंगलराज
प्रदेश जदयू प्रवक्ता प्रगति मेहता ने कहा है कि बिहार की जनता को नीतीश कुमार के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। दरअसल सत्ता से बेदखल होते ही भाजपा नेताओं की बौखलाहट इतनी बढ़ गई है की वे लोग सुशासन वाले बिहार को फिर से जंगलराज कहकर अपनी भड़ास निकलने लगे हैं। लेकिन, इससे कुछ होने वाला नहीं है। बिहार की जनता इन भाजपाइयों की साजिश को खूब समझती है। कहा कि कल तक बिहार के सुशासन की बात करने वाले भाजपा नेताओं को एक दिन में ही जंगलराज दिखने लगा। यही भाजपा के लोग जब बिहार में सरकार में शामिल थे तो डबल इंजन की सुशासन की सरकार बोलते नहीं थकते थे।