बिहार में बारिश को लेकर आई अच्छी खबर, 3 दिन लगातार जमकर बरसेगा पानी
बिहार वासियों के लिए सुकून देने वाली खबर है. तेज धूप और उमस भरी गर्मी का सामना कर रहे सूबे के लोगों को राहत मिल सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बिहार में लगातार 3 दिनों तक अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है. इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्र जारी किया है.
बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेज धूप निकलने के कारण पारा चढ़ गया है. इससे लोगों को पसीने वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. बारिश नहीं होने का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव फसलों पर पड़ रहा है. बिहार के कई हिस्सों में किसानों ने धान की रोपाई की है. पर्याप्त बारिश नहीं होने और लगातार धूप निकलने की वजह से कई इलाकों में खेतों में दरारें फट गई हैं. नलकूप से सिंचाई कर किसी तरह फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
इन सबके बीच मौसम विभाग ने प्रदेश में 27 अगस्त से 29 अगस्त 2022 तक लगातार अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है. इससे किसानों को काफी राहत मिल सकती है. वहीं, आमलोगों को भी पसीने वाली गर्मी से कुछ हद तक छुटकारा मिलने की उम्मीद है.
भारतीय मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार में 27 अगस्त से लेकर 29 अगस्त 2022 तक तकरीबन सभी हिस्सों में अच्छी बारिश हो सकती है. इस दौरान सूबे के कुछ हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना भी जताई गई है. मौसम विज्ञानियों ने ठनका (आकाशीय बिजली) गिरने की भी आशंका जताई है. बता दें कि इस सीजन में भी आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की जान चुकी है. ऐसे में बारिश के समय लोगों को घर से न निकलने की सलाह दी गई है.
बिहार में आमलोगों के साथ ही किसानों को भी बारिश का बेसब्री से इंतजार है. दक्षिण-पश्चिम मानसून की रफ्तार इस बार बिहार में सुस्त रही है, जिसका असर सीधे खेतीबारी पर पड़ा है. धान की रोपाई के रकबे में भी इस बार कमी दर्ज की गई है. वहीं, जिन किसानों ने धान की रोपाई की है, उनको वर्षा जल का बेसब्री से इंतजार है. ऐसे में मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान राहत पहुंचाने वाला है.
शुरुआत में हुई थी अच्छी बारिश
बिहार में सीमांचल के जरिये दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रवेश हुआ था. प्रारंभ में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. सीमाई इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश होने के कारण छोटी-बड़ी नदियां उफना गई थीं. इससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. यहां तक कि प्रदेश के कुछ जिलों में नेशनल हाइवे तक पर पानी चढ़ गया था. रिहायशी इलाकों में भी नदी का पानी घुस गया था, जिसके कारण स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था.