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सृजन घोटाला: पूर्व IAS समेत 9 के खिलाफ वारंट जारी, 27 के खिलाफ दाखिल हो चुकी है चार्जशीट

करोड़ों रुपए के सृजन घोटाले के एक मामले में गुरुवार को पटना सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया समेत 9 आरोपितों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था।

समन का तामिला कर सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट विशेष अदालत में दाखिल कर दी। इसके बाद सीबीआई के वकील के अनुरोध पर अदालत ने आरोपित केपी रमैया समेत 9 के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया। जिनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है, उनमें बैंक अधिकारी बिहारी पांडेय, सनत कुमार, एडीएम विजय कुमार, शंकर प्रसाद दास, आनंद चंद्र और सृजन महिला विकास समिति की सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार भी शामिल हैं।

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सीबीआई ने घोटाले के इस मामले में 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। यह मामला करोड़ों रुपए के सरकारी राशि के गबन से संबंधित है। रजनी प्रिया और अमित कुमार सृजन घोटाला के कई मामलों में फरार चल रहे हैं। सीबीआई उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

जेडीयू से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं केपी रमैया

सृजन घोटाले में आरोपी भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2014 में उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति जॉइन की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू में शामिल कराया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में सासाराम से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार मिली।

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क्‍या है सृजन घोटाला?

भागलपुर के तत्‍कालीन ज़िलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला एक चेक बैंक ने यह कहकर वापस कर दिया था कि खाते में पर्याप्त पैसे नहीं हैं। यह चेक एक सरकारी ख़ाते का था। बैंक की प्रतिक्रिया से डीएम हैरान रह गए, क्योंकि उनको जानकारी थी कि सरकारी ख़ाते में पर्याप्त पैसे हैं। इसके बाद उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की जांच में इंडियन बैंक और बैंक ऑफ़ बड़ौदा स्थित सरकारी ख़ातों में पैसे न होने की पुष्टि हुई। इसके बाद कलेक्‍टर ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी। इसका नाम ‘सृजन घोटाला’ इस कारण पड़ा क्योंकि कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर ‘सृजन महिला विकास सहयोग समिति’ नाम के एनजीओ के 6 बैंक ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी।

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एक दशक में करोड़ों रुपयों का घोटाला

आरोप है कि साल 2004 से वर्ष 2014 के बीच सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खातों में बड़ी मात्रा में सरकारी फंड फर्जी तरीके से ट्रांसफर किए गए थे। समिति ने कथित तौर पर कुछ जिला अधिकारियों, बैंकरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भागलपुर जिला प्रशासन के खातों से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए जमा सरकारी धन को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिया था। इसके जरिये सैकड़ों करोड़ रुपये का गबन किया गया।

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