बिहार में जहानाबाद जिले के एक स्कूल में बच्चियों से मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) बनवाया जाता है. जाहिर है बच्चियों से इस तरह का काम करवाना इस योजना को उसके मूल मकसद से भटका देना है.
दरअसल, सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और अधिक से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई कल्याणकारी योजना है मिड डे मील. लेकिन बिहार में इसका बुरा हाल है. कभी मध्याह्न भोजन के चावल की चोरी, तो कभी भोजन की खराब क्वॉलिटी मिड डे मील की उपयोगिता पर सवाल उठाते रहे हैं.
ताजा मामला जहानाबाद जिले का है. यहां के मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र में सेरथुआ मध्य विद्यालय है. यहां छात्राओं से मिड डे मील बनवाया जाता है. स्कूली छात्राओं से मध्याह्न भोजन तैयार करवाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों से मिड डे मील बनवाया जा रहा है. वीडियो में कोई बच्ची सब्जी काटती हुई दिख रही है, तो कोई चावल से कंकड़ बीनते हुए. इन बच्चियों को क्लास रूम में पढ़ाने के बजाए स्कूल में उनसे चूल्हा-चौका कराया जा रहा है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी जहानाबाद के एक सरकारी विद्यालय में छात्रों से मजदूरी कराने का वीडियो सामने आया था. अभी यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि एक नया वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया. जहानाबाद जिले के सरकारी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बच्चों से जिस तरह काम ले रहे हैं, उससे सरकार की तो भद्द पिट ही रही है, स्कूलों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ताजा मामला सामने आने के बाद संबद्ध विभाग के पदाधिकारी जांच में जुट गए हैं. देखना है कि स्कूल प्रशासन पर शिक्षक पर विभाग क्या कार्रवाई करता है.
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