बिहार के बगहा में आदमखोर बाघ का आतंक, पत्नी और बेटी के सामने किसान को जबड़े में दबाकर ले गया
बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में सोहनी कर रहे एक किसान(65) को आदमखोर बाघ ने मौत के घाट उतार दिया। किसान अपनी पत्नी, बेटी और बहू के साथ खेत में काम कर रहा था, तभी बाघ ने उसपर हमला कर दिया। किसान के परिवार के सामने ही बाघ उसे जबड़े में दबाकर घसीटते हुए गन्ने के खेत में लेकर चला गया। थोड़ी देर बाद गांव के लोग इकट्ठा हुए तो सभी गन्ने के खेत में गए। वहां किसान की लाश पड़ी थी।
मामला बैरिया काला गांव के बैरिया के पास सरेह का है। बुधवार को बैरिया कला गांव निवासी रामप्रसाद उरांव अपने परिवार के साथ खेत में सोहनी कर रहा थे। इसी दौरान आदमखोर बाघ किसान पर हमला कर दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
शव को वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया है। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में हैं। बीते 12 सितंबर को भी बैरिया कला गांव के पास बाघ के हमले में एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद आक्रोशित किसानों ने शव लेकर प्रदर्शन भी किया था। जिसे वन विभाग के अधिकारी को लोगों का भारी आक्रोश झेलना पड़ा था।
पत्नी और बेटी ने बताई आंखों देखी
किसान की पत्नी और बेटी ने बताया कि हम सभी खेत पर काम कर रहे थे। अचानक से बिना आवाज किए बाघ ने हमला कर दिया। हम कुछ समझ ही नहीं पा रहे थे। उसने मेरे पति पर हमला कर दिया। वो 65 साल के थे, नहीं भाग पाए। बाघ ने उनका मुंह अपने जबड़े में जकड़ लिया था। और उन्हें घसीटते हुए गन्ने के खेत में ले गया। वो चिल्ला रहे थे। हम भी लोगों से मदद मांग रहे थे। गांवों वालों के आने के बाद हम गन्ने के खेत में गए। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। हमारी आंखों के सामने उनकी दर्दनाक मौत हो गई। और हम कुछ नहीं कर पाए।
5 महीने में 5 लोगों पर हमला, 3 मौत
बैरिया कला गांव के अविनाश पर 20 मई को बाघ ने हमला बोला था। अविनाश का पैर और हाथ अभी भी काम नहीं कर रहा है। वहीं बीते 14 मई को जिमरी नौतनवा निवासी 13 वर्षीय राजकुमार और 20 मई को पुरैना कटहा गांव की रहने वाली विधवा महिला पार्वती देवी की बाघ के हमले में मौत हो थी।
14 जुलाई को बैरिया कला निवासी धर्मराज काजी को बाघ ने मार डाला था। जबकि 12 सितंबर को खेत में काम करने गई बैरिया काला गांव निवासी गुलबंदी देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई।