बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मंगलवार को दिल्ली में नामांकन भरेंगे और दूसरी तरफ तेजस्वी यादव से जुड़े मामले में सीबीआई की दिल्ली स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होनी है। सीबीआई तेजस्वी यादव की बेल रिजेक्ट करने की मांग के साथ कोर्ट गई है। सीबीआई ने कहा है कि तेजस्वी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। तेजस्वी से सीबीआई के आवेदन पर जज गीतांजलि गोयल ने नोटिस जारी कर 28 सितंबर तक जवाब मांगा था। बता दें कि तेजस्वी यादव IRCTC घोटाले में जमानत पर हैं। सीबीआई इसी को रद्द करवाना चाहती है।
25 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने सीबीआई को निशाने पर लिया था
बता दें कि 25 अगस्त को राजद कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा था कि ‘क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते ! क्या उनका परिवार नहीं है! क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे! क्या वे रिटायर नहीं होंगे! सिर्फ यही पार्टी (भाजपा) सत्ता में बनी रहेगी! आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
तेजस्वी ने यहां तक कहा था कि ‘ढाई दशक से तो हम छापेमारी ही देख रहे हैं। जेल में बंद करना है तो ले चलो जेल में बंद कर दो विपक्ष के सभी नेताओं को। भाजपा की तीन जमाई है ईडी सीबीआई और इनकम टैक्स। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे घर में सीबीआई आकर दफ्तर खोल ले।’ बाद में जब सीबीआई जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट गई तो तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने तो सीबीआई को जांच में काफी सहयोग किया है।
राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर छापेमारी हुई तब बाहर खूब नारेबाजी हुई थी
जब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की छापेमारी हुई थी और सुबह सबेरे से लेकर देर शाम तक छापेमारी चलती रही तो उस समय सीबीआई के खिलाफ जमकर आवास के बाहर राजद समर्थकों ने नारेबाजी की थी। राबड़ी देवी के सरकारी आवास का मुख्य गेट पर धक्का मार कर सीबीआई अफसरों को बाहर निकलने की नसीहतें दी गईं थी। इस दिन बहुत मुश्किल से ये अफसर राबड़ी देवी के आवास से निकल कर अपनी कार तक जा पाए थे। धक्की-मुक्की हो ही गई थी। हालांकि तब तेजस्वी यादव विदेश में थे।
IRCTC घोटाला को जानिए
IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) टेंडर घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू यादव पर गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2004 से 2009 के बीच अपने कार्यकाल में रेल मंत्री रहते हुए एक निजी कंपनी को अवैध तरीके से भुवनेश्वर और रांची में दो होटलों को चलाने का ठेका दिया था। इसके बदले में पटना के सगुना मोड़ क्षेत्र में इस कंपनी ने तीन एकड़ जमीन उपलब्ध कराई। इसको लेकर सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। आईपीसी की धारा 420, 120 बी और भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। दो वर्ष पूर्व तीनों को जमानत मिली थी। सीबीआई तेजस्वी यादव की इसी जमानत को रद्द करवाना चाहती है।
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