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बिहार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान को दो साल की सश्रम सजा, विधानसभा चुनाव में RJD नेता को पीट-पीटकर किया था अधमरा

बिहार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान समेत दस आरोपियों को मारपीट के एक मामले में दो-दो साल जेल की सजा हुई है। बक्सर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन सह विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने सभी को दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच-पांच हजार का आर्थिक दंड लगाया है। यह मामला 2005 का है। ददन पहलवान समेत अन्य आरोपियों ने आरजेडी नेता रामजी यादव को विधानसभा चुनाव के दौरान पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था।

एपीपी सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि 25 अक्टूबर 2005 को आरजेडी नेता रामजी यादव के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई थी। इस घटना के बाद डुमरांव के कोपवां निवासी रामजी यादव ने एफआईआर दर्ज कराते हुए दस लोगों को नामजद किया था। उन्होंने कहा था कि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे ददन पहलवान की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उसने आरजेडी प्रत्याशी सुनील कुमार उर्फ पप्पू यादव को विधानसभा में प्रचार करते हुए मदद क्यों की।

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घटना के दिन रामजी यादव डुमरांव के कलावती काम्प्लेक्स स्थित आरजेडी कार्यालय में बैठे थे। इसी बीच ददन पहलवान, मदन सिंह, भुअर यादव, खुशचंद सिंह, अख्तर हुसैन, मनोज यादव, सुबोध यादव, रामबचन यादव, भीम यादव और लक्ष्मण तुरहा हथियार और लाठी-डंडे के साथ पहुंचे। उन्होंने रामजी के साथ मारपीट शुरु कर दी। इतना ही नहीं वे उन्हें कार्यालय से बाहर खींच मेन रोड पर लाए और बुरी तरह पीटा। इसके बाद मरा हुआ समझकर उन्हें सड़क पर छोड़कर ही चले गए।

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रामजी यादव ने इस मामले में नामजद एफआईआर दर्ज कराई और सभी को आरोपी बनाया। स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर सभी 10 आरोपियों को दोषी पाया। एपीपी ने गुरुवार को बताया कि जज ने धारा 147 के तहत सभी को एक साल सश्रम कारावास और धारा 148 के तहत दो साल सश्रम कारावास के साथ पांच-पांच हजार आर्थिक दंड की सजा सुनाई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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राबड़ी सरकार में मंत्री रह चुके हैं ददन पहलवान

ददन पहलवान की गिनती बिहार के दबंग नेताओं में होती है। वे राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वे जेडीयू और बसपा समेत अन्य दलों से भी चुनाव लड़े। 2015 में वे डूंमराव से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। 2020 में जेडीयू ने उनका टिकट काट दिया और वे निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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