बिहार में बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर में दिखेंगे कई बदलाव, शिकायत मिलने पर होने जा रहा बड़ा परिवर्तन
अगले महीने से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ता को स्पष्ट रूप से यह मालूम हो सकेगा कि उनकी राशि की कटौती किस मद में की गई। बिजली कंपनी की शिकायत पर स्मार्ट प्रीपेड लगाने और उसका संचालन करने वाली कंपनी अपने साफ्टवेयर में बदलाव कर रही है। बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि बहुत जल्द नई सुविधाएं शुरू होने से उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर हो जाएंगी। बिजली कंपनी अपने साफ्टवेयर पर भी काम कर रही है। ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली की टीम ने पटना आकर एक-एक चीज को समझा।
बिजली कंपनी के आलाधिकारी ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी शिकायत को लेकर बिजली कंपनी के सीएमडी ने ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी को बिंदुवार पत्र लिखा था। पत्र के आधार पर ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसी ईईएसएल के लोग पटना आए। केंद्र सरकार की इस एजेंसी के लोगों ने इस बारे में बिजली कंपनी के आलाधिकारियों से बात कर अपना काम आरंभ किया।
अब साफ्टवेयर ऐसा कि एक-एक बात का पता लगेगा
बिजली कंपनी के आलाधिकारी का कहना है कि यह शिकायत सबसे अधिक थी कि जिस राशि से रिचार्ज किया जा रहा उसका बैलेंस काफी तीव्र गति से कट जा रहा है। पूर्व में जो मीटर लगा था उसमें बिजली का बिल इतना अधिक नहीं आता था। इस शिकायत के बाद अब साफ्टवेयर में इस तरह की व्यवस्था की जा रही कि आपने जिस राशि से रिचार्ज किया उसके खत्म होने पर यह बताया जाएगा कि बिजली जितनी यूनिट खपत हुई उसकी राशि क्या है और फिर अन्य किस्म के चार्ज की कटौती के तहत कितनी राशि ली गई।
अगर कोई उपभोक्ता मीटर तेज गति से चलने की शिकायत करता है तो उसके मीटर की भी जांच करा दी जाएगी। इसी तरह एक शिकायत भी बड़ी संख्या में है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद निबंधित मोबाइल पर जो वेलकम मैसेज आ रहा उसमें काफी देर हो रही है। यह शिकायत भी अगले महीने से दूर हो जाएगी। बिजली कंपनी अपने स्तर से यह व्यवस्था करने में लगी है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं की शिकायतें एक ऐप के माध्यम से निष्पादित किया जाएं। इसके लिए जबावदेही भी तय रहे।