पश्चिम बंगाल की ओर से खेलने वाले गोपालगंज के मुकेश कुमार का चयन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज के लिए किया गया है। भारतीय टीम में पटना के इशान किशन भी हैं। ऐसा पहली बार होगा जब बिहार के दो क्रिकेटर एक साथ टीम इंडिया में खेलेंगे। बायें हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश ने शनिवार को ईरानी ट्राफी में शेष भारत की ओर से खेलते हुए सौराष्ट्र के खिलाफ बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी का प्रदर्शन कर चार विकेट चटकाए थे। इसका इनाम उन्हें छह अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन वनडे सीरीज में चयन के तौर पर मिला। मुकेश को पिछले माह न्यूजीलैंड ए खिलाफ भारत ए टीम में पहली बार मौका मिला था, जिसमें उन्होंने पदार्पण करते हुए चार दिवसीय टेस्ट मैच में पांच विकेट लिए और पूरी सीरीज में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनकर टीम इंडिया के चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था।
बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने दी बधाई
बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने मुकेश के चयन पर खुशी व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि वे अपने बेहतरीन फार्म को बरकरार रखेंगे। मुकेश से फोन पर बातचीत के क्रम में बीसीए अध्यक्ष ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपने गोपालगंज के साथ पूरे बिहार को गौरवान्वित किया है। गोपालगंज के सदर प्रखंड के काकड़पुर गांव की गलियों में काठ के बल्ले और रबर की गेंद से क्रिकेट का पहला पाठ सीख राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले मुकेश का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
उन्होंने बताया कि एक सड़क दुर्घटना ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर दे दिया। वर्ष 2011 में वे भोजपुरवा की ओर जा रहे थे तो एक बाइक ने टक्कर मार दी। चाचा कृष्णा सिंह ने उपचार कराया। इसके बाद अच्छे इलाज के लिए पिता काशीनाथ सिंह के पास कोलकाता चले गए। वहां स्वस्थ होने के बाद वर्ष 2012 में बंगाल क्रिकेट क्लब में नामांकन कराया। पश्चिम बंगाल टीम में अंडर-19 व रणजी टीम में चुन लिए गए। अच्छा प्रदर्शन करता रहा और राष्ट्रीय टीम में चयन हो गया। अब न्यूजीलैंड के साथ टेस्ट मैच खेल रहे हैं। मुकेश के पिता कोलकाता में आटो चलाते थे। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि सिर्फ क्रिकेट के प्रशिक्षण के लिए कोलकाता बुला लेते। वह दुर्घटना थी तो विपत्ति, पर ईश्वर ने अवसर में बदल दिया।
पहले टेस्ट मैच में 23 ओवर में पांच विकेट झटके
बेंगलुरु में एक सितंबर से चार सितंबर तक चले पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में मुकेश कुमार ने 23 ओवर में पांच विकेट झटके और मात्र 3.73 रन प्रति ओवर की दर से किफायती बालिंग भी की। आठ से 11 सितंबर तक हुबली में खेले गए मैच में पहली पारी में तीन ओवर में एक विकेट झटककर 0.66 रन प्रति ओवर की दर से बालिंग की। इसके बाद ईरानी ट्राफी में घातक गेंदबाजी ने उन्हें टीम इंडिया की टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि उनके करियर में बंगाल क्रिकेट क्लब के कोच सारण के वीरेंद्र सिंह की बड़ी भूमिका रही है।
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