फर्जी कॉल मामले में DGP की भूमिका संदिग्ध, CBI जांच कराये सरकार: सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने डीजीपी को फर्जी कॉल करने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि डीजीपी एसके सिंघल की भूमिका संदेह के घेरे में है. ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई या किसी अन्य सक्षम एजेंसी से करायी जानी चाहिए. जब एसपी स्तर के अधिकारी को बचाने और लाभ पहुंचाने का संदेह डीजीपी पर है, तो उनके नीचे काम करने वाली आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती.
”डीजीपी सिंघल पिछले अगस्त महीने से उस व्यक्ति से दर्जनों बार बात कर रहे थे, उसकी पैरवी को गंभीरता से ले रहे थे, जो स्वयं को हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बता रहा था, लेकिन उन्होंने फोन करने वाले की सत्यता जांचने की कोशिश क्यों नहीं की? ऐसे गंभीर सवालों का जवाब सीबीआई ही ढूंढ सकती है.”- सुशील मोदी, बीजेपी सांसद
सुशील मोदी ने पूछे 5 सवाल:
1. कई बार फोन पर बातें करने के बावजूद डीजीपी ने सीधे मिल कर हकीकत जानने की कोशिश क्यों नहीं की?
2. यदि फोन कॉल फर्जी नहीं, असली मुख्य न्यायाधीश का ही होता, तब भी क्या शराब पकड़े जाने के मामले में एसपी स्तर के अधिकारी को फोन-पैरवी के आधार पर राहत दी जानी चाहिए थी- खास कर तब, जब शराब के मामले में 4 लाख लोग जेल जा चुके हों?
3. जिस एसपी पर FIR किया गया था, उसे दोषमुक्त करने के लिए किसके दबाव में जांच अधिकारी को छुट्टी के दौरान चेन्नई से बुलाकर क्लोजर रिपोर्ट बनवायी गई?
4. गया से ट्रांसफर के बाद एसपी को डीजीपी कार्यालय में एआइजी (क्यू) क्यों बना दिया गया ?
5. डीजीपी ने पूर्व गया एसपी के विरुद्ध विभागीय जांच बंद करने के और पूर्णिया में पोस्टिंग के लिए संचिका क्यों बढ़ाई?
एक वकील ने भी की है CBI जांच की मांग :
बिहार सरकार द्वारा गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को निलंबित किए जाने के एक दिन बाद, पटना हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने बुधवार को डीजीपी एस.के. सिंघल के खिलाफ एक याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की. वकील मणि भूषण प्रताप सिंह ने हाई प्रोफाइल मामले की जांच की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में एक रिट याचिका दायर की. उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी रैंक के एक अधिकारी की इस हरकत ने पूरी न्यायपालिका की छवि खराब की है.
DGP पर दबाव बनाने के लिए रची साजिश :
इस मामले के बाद बिहार के गृह विभाग ने आदित्य कुमार को उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया है. गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज शराब उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दिलाने के लिए डीजीपी पर दबाव बनाने के लिए दोनों ने गहरी साजिश रची थी.