बिहार के गोपालगंज में गंडक पर बना रिंग डैम टूटा…मुसीबत में ढाई लाख लोग, राज्य के 20 जिलों में बारिश का अलर्ट
बिहार में पोस्ट मानसून बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा है। पूरे सितंबर महीने में बारिश होने के बाद अक्टूबर में अब तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के द्वारा मंगलवार को उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
इधर लगातार हो रही बारिश से गोपालगंज में बाढ़ जैसे हालात हैं। सोमवार को गोपालगंज में दबाव के कारण गंडक नदी का रिंग बांध टूट गया। इससे कई गांव में बाढ़ का पानी फैल गया। ढाई लाख की आबादी प्रभावित हुई है। सड़कों पर करीब 3 से 4 फुट तक पानी तेज धारा से बह रहा है। राहत की बात यह है कि जहां यह बांध टूटा वहां पर गंडक के जलस्तर में कमी आई है।
ढाई लाख की आबादी प्रभावित, धान की फसल बर्बाद
गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड के बंजरिया स्थित सीतलपुर गांव के पास बना रिंग डैम गंडक नदी के दबाव के कारण टूट गए। रिंग बांध के टूटते ही आसपास के इलाके समेत दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है। पानी भरने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ढाई लाख की आबादी प्रभावित हुई है। किसानों के खेतों में लगाए गए तैयार धान के फसल बाढ़ के पानी में डूब कर बर्बाद हो गए।
रविवार से ही डैम से रिसाव हो रहा था- स्थानीय
वाल्मीकि नगर बराज से डिस्चार्ज हुए 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी ने दियारा इलाके की मुश्किलें बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों की मानें तो रविवार से ही बांध से रिसाव हो रहा था लेकिन अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया। सोमवार को बांध टूट गया।
20 जिलों में अगले 24 घंटे तक बारिश होने के आसार
इधर मौसम विभाग ने प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसमें पटना, जहानाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय, जमुई, बांका, मुंगेर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज शामिल हैं।
अक्टूबर महीने में सामान्य से 70 फीसदी अधिक बारिश
मध्य अक्टूबर के बाद मानसून चली जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, अक्टूबर माह में बिहार में सामान्य से 70 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने लगातार हो रही बारिश और वज्रपात के दौरान लोगों को सावधान रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने जारी की रिपोर्ट में बताया है कि मध्यम और हल्की बारिश के दौरान वज्रपात की संभावना ज्यादा होती है।