समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

बिहार में अब आधार नंबर से होगा शराबियों का सत्यापन, दूसरी बार पीने वालों की पहचान होगी आसान

बिहार में बार-बार शराब पीने के आरोपित अब यह बोलकर जेल जाने से नहीं बच सकेंगे कि उन्होंने पहली बार शराब पी है। पकड़े गए शराबी ने पहली बार शराब पी या दूसरी बार, इसका सत्यापन अब उसके आधार नंबर से होगा। राज्य में शराबबंदी कानून को और सख्ती से लागू करने के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग यह नई व्यवस्था लागू कर रहा है।

आधार नंबर से होगा शराबियों का सत्यापन

इसके तहत शराब पीने के अपराध में पकड़े गए सभी आरोपितों का नाम-पता के साथ आधार डेटाबेस तैयार होगा। इसके लिए शराबियों का आधार नंबर लेने के साथ आधार प्रमाणीकरण उपकरण से उनके नाम-पते का सत्यापन कराया जाएगा। अंगुलियों के निशान भी लिए जाएंगे। इसके लिए राज्य के सभी जिलों के मद्य निषेध एवं उत्पाद कार्यालयों में आधार प्रमाणीकरण केंद्र खोले जाएंगे।

IMG 20221030 WA0023

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के उपायुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि प्रत्येक जिले में आधार प्रमाणीकरण केंद्र खोलने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई थी। उनकी मंजूरी मिल गई है। जल्द ही राज्य के सभी जिलों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए शराबियों के आधार सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

IMG 20220728 WA0089

जुर्माना देकर छूट गए 99 प्रतिशत शराबी 

दरअसल, अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून लागू होने के बाद पहली बार शराब पीने वालों को दो से पांच हजार रुपये जुर्माना देकर छोड़ने का प्रविधान किया गया है। वहीं दूसरी बार शराब पीकर पकड़े गए लोगों को एक साल की जेल होगी। संशोधन कानून लागू होने के बाद से 99 प्रतिशत शराबी जुर्माना देकर छूट गए हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर तक करीब 90 हजार लोगों को पहली बार शराब पीने के जुर्म में पकड़ा गया। वहीं महज 550 ही ऐसे शराबी रहे जिन्हें दूसरी बार शराब पीने के अपराध में जेल हुई।

JPCS3 01

विभागीय सूत्रों के अनुसार, अभी तक शराब पीने के जुर्म में पकड़े गए आरोपित के स्थानीय थाने से पुष्टि होती थी कि शराबी ने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार। मगर इसमें कई दिक्कतें आ रही थीं। शराब पीने के आरोप में रैंडमली पकड़े जाने वाले लोग अक्सर गलत नाम-पता दर्ज करा देते थे। इसका तत्काल सत्यापन भी संभव नहीं हो पाता था। ऐसे में दूसरी बार पकड़े जाने पर ऐसे शराबियों की पहचान में मुश्किल होती थी। इन सारी समस्याओं के निराकरण के लिए शराबियों का सत्यापन आधार नंबर से करने का निर्णय लिया गया।

IMG 20220915 WA0001IMG 20211012 WA00171 840x760 1Banner 03 01IMG 20221017 WA0000 01IMG 20221021 WA0064 01IMG 20220331 WA0074