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बिहार में जज के फैसले से बीमा कंपनी ने दिया 1 करोड़ 85 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी ने किया था 2 करोड़ से ज्यादा का क्लेम

सड़क हादसे में जिस गाड़ी के धक्के से मौत हुई, उस गाड़ी का इंश्योरेंस करने वाली यूनिवर्सल सोंपो इंश्योरेंस कंपनी ने मृतक के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 1 करोड़ 85 लाख रुपए की रकम शनिवार को कोर्ट में सौंपी। इतना बड़ा मुआवजा देने का देश में संभवत: यह दूसरा और बिहार में अब तक का पहला मामला है। शनिवार को लोक अदालत के दौरान जिला जज श्री पांडेय ने बताया कि इसके लिए कई बार इंश्योरेंस कंपनी और पीड़ित पक्ष की बैठक के बाद इतनी बड़ी रकम पर फैसला हुआ।

मूल रूप से चैनपुर, सीवान के और वर्तमान में हाजीपुर सदर क्षेत्र के इस्माइलपुर में रहने वाले अक्षय कुमार सिंह के 30 वर्षीय पुत्र शशिकांत सिंह राजस्थान के भीलवाड़ा में रहते थे। 18 अगस्त 2018 को एक ट्रक के धक्के से उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी ने हरियाणा के चौहान ट्रांसपोर्ट के मालिक रविंद्र सिंह चौहान के खिलाफ हाजीपुर कोर्ट में मुआवजे के लिए केस किया। पीड़िता ने 2 करोड़ 16 लाख 61 हजार 360 रुपए का क्लेम किया था।

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मुंबई में सर्वाधिक 4.13 करोड़ का मुआवजा

गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई में एक कपड़ा व्यवसायी जमील शेख की मौत के बाद उसके परिवार को 4.13 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर मिले थे। दरअसल मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने एक डंपर ट्रक के मालिक और एक बीमा कंपनी को साकीनाका के रहने वाले 54 साल के कपड़ा व्यवसायी के परिवार को संयुक्त रूप से लगभग 4.13 करोड़ रुपए का मुआवजा (ब्याज समेत) देने का आदेश दिया था।

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इस वजह से मिली इतनी बड़ी रकम

इस तरह के हादसों में ट्रिब्यूनल या कोर्ट यह देखती है कि मृतक की आय हादसे के समय कितनी थी, उसकी उम्र क्या थी और उस पर परिवार के कितने लोग आश्रित हैं। इस मामले में शशिकांत उस वक्त मात्र 30 साल के थे। उस वक्त उनकी मासिक आय 1 लाख 5 हजार रुपए थी। इस वजह से इंश्योरेंस कंपनी से इतनी बड़ी रकम मिली। खास बात यह भी थी कि हादसे के समय शशिकांत की पत्नी गर्भवती थी।

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परिवार के सदस्यों की आपसी सहमति के आधार पर मिली 1.85 करोड़ रुपये में सर्वाधिक 60 प्रतिशत राशि यानी 01 करोड़ 11 लाख रुपये ढाई वर्ष की बच्ची शशिका को मिलेगी। वहीं पत्नी को 18 प्रतिशत राशि यानी 33 लाख 30 हजार रुपये और बूढ़े माता-पिता को 22 प्रतिशत यानी 40 लाख 70 हजार रुपये मिलेंगे। मासूम बच्ची की राशि उसके नाम से बैंक में फिक्स की जाएगी, जो उसके बालिग होने के बाद उसे मिलेगी।

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