बिहार: मरा जहर खाकर, सांप काटने से मौत बताकर 4 लाख मुआवजा लिया, सख्त कार्रवाई के निर्देश
बिहार के दरभंगा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सांप काटने से मौत होने पर मुआवजा उठाने के आधे केस फर्जी पाए गए हैं। कई लोगों ने अपने किसी परिजन की सामान्य या जहर खाकर मौत होने पर उसे स्नेक बाइट बता दिया और फर्जी तरीके से सरकार से 4 लाख रुपये का मुआवजा उठा लिया। डीएम राजीव रौशन की जांच में यह खुलासा हुआ है। उन्होंने फर्जी तरीके से मुआवजा उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिला जनसंपर्क अधिकारी नागेंद्र कुमार गुप्ता के मुताबिक सांप के काटे जाने से मुआवजा दिए जाने के कम से कम 18 केस की पहचान की गई है। चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से आधे फर्जी हैं। दरभंगा डीएम ने एसएसपी अवकाश कुमार से फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
जिला स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से मिलान किया। बिरौल पुलिस थाने के एक केस में उन्होंने पाया कि शख्स की मौत जहर खाने से हुई थी, लेकिन स्नेक बाइट से मौत के नाम पर मुआवजा उठा लिया गया। इस केस में डीएम ने एसएसपी को दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपील की।
इसके बाद अन्य केस को भी रिव्यू किया गया, जिनमें से कई फर्जी पाए गए। डीएमएसीएच के एक डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान उनके पास स्नेक बाइट के केस आते हैं तो मृतकों के शरीर पर सांप के काटने का निशान तक नहीं होता। वहीं कुछ लोग शवों पर ब्लेड से सांप के काटने का निशान बना देते हैं, ताकि वे स्नेक बाइट से मौत के नाम पर चार लाख रुपये का मुआवजा उठा सकें।
मधुबनी जिले के डीपीआरओ परिमल कुमार कहना है कि पहले बिहार में बाढ़ के दौरान ही सांप के काटने से मौत होने पर मुआवजा दिया जाता था। मगर इस साल से आपदा प्रबंधन विभाग ने इसे प्राकृतिक आपदा के रूप में सूचीबद्ध कर दिया है। इसके तहत किसी भी समय सांप के काटे जाने से मौत होने पर मृतकों के परिजन को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है।