मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर की रहने वाली सुनीता देवी की दोनों किडनी झोलाछाप डॉक्टरों ने निकाल ली थी। एक आरोपी झोलाछाप डॉक्टर और नर्सिंग संचालक पवन पकड़ में आया है। उसने बताया कि ट्यूमर समझकर डॉक्टर आरके सिंह ने दोनों किडनी निकाल दी, जिसे फेंक दिया गया है। इधर, महिला ने कहा कि पवन या उसकी पत्नी की एक किडनी निकालकर मुझमें लगाई जाए।
वह करीब दो महीने से डायलिसिस पर जीवित है। पहले वह IGIMS में भर्ती थी। अब वह मुजफ्फरपुर के एकेएमसीएच में एडमिट है। इस दौरान उसका एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह एक व्यक्ति से बात कर रही है।
वीडियो में सुनीता कहती है- आरोपी पवन पकड़ा गया है। मुझे उसकी एक किडनी निकालकर लगाई जाए। सरकार और प्रशासन इस पर विचार करे। हमको न्याय दिलाए। अगर उसकी किडनी नहीं लगेगी तो उसकी पत्नी की लगाई जाए। हम जीना चाहते हैं। मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनके साथ रहना चाहती हूं। घर जाकर अपनी पहले जैसी जिंदगी जीने की इच्छा है। इसे पूरा किया जाए। जिसने मेरी किडनी निकाली है। वही किडनी देगा।
आरोपी की पत्नी समेत सभी लोग फरार
दिलचस्प बात है कि पवन की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने पिछले एक महीने से जब दबिश बनाई तो उसके परिवारवालों को लगा कि सच में उनकी किडनी निकालकर सुनीता को लगाई जाएगी। इस कारण पवन की पत्नी समेत सभी परिजन फरार हो गए। ये बातें पवन के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने पुलिस को बताई है। कहा जा रहा है कि इसी डर से सभी लोग भाग गए हैं।
ट्यूमर समझकर काट दी किडनी
इधर पुलिस की पूछताछ में पवन ने बताया है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर आरके सिंह से उसने घटना के बाद बात की थी। उसे सुनीता की किडनी ट्यूमर जैसी लगी। इसलिए काटकर हटा दी थी। पवन ने पुलिस को बताया है कि वह काफी सूजा हुआ था। इसलिए ट्यूमर होने का संदेह हुआ था। इसलिए काटकर हटा दिया था। फिर सबको एक कपड़े में बांधकर दूर फेंक दिया था।
30 हजार में किया था ऑपरेशन
वीडियो में सुनीता के परिजन कह रहे हैं कि जांच के बाद डॉक्टर आरके सिंह और पवन ने कहा था कि अगर बड़े हॉस्पिटल में जाएंगे तो कम से कम एक लाख का खर्च आएगा। हमारे यहां 30 हजार रुपए में हो जाएगा। वे लोग उनकी बातों में आ गए और 15 हजार रुपए एडवांस भी कर दिए थे। ऑपरेशन के बाद अगर सुनीता की तबीयत खराब नहीं होती तो बाकी रुपए भी ऐंठ लेता।
10वीं पास फल वाला बना डॉक्टर, 20 ऑपरेशन किए
मुजफ्फरपुर किडनी कांड केस का मुख्य आरोपी और नर्सिंग होम का संचालक पवन कुमार 8 साल तक भूटान में रह चुका है। वहां फल मंडी में वह फल बेचता था। इसी दौरान कोरोना शुरू हो गया। लॉकडाउन में पवन अपने घर आ गया। इसके बाद दोबारा नहीं जा पाया। फिर उसने सकरा में एक दवा दुकान में काम करना शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान इस केस के दूसरे आरोपी और सुनीता का ऑपरेशन करने वाले डॉ. आरके सिंह से हुई।
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