जानिये क्या है दाखिल-खारिज का नया “पहले आओ, पहले पाओ” नियम, समस्तीपुर समेत इन पांच जिलों से शुरुआत
आनलाइन म्यूटेशन (दाखिल खारिज) में अपने सेवकों की मनमानी से तंग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस मामले में पहले आओ, पहले पाओ के फार्मूला को लागू करने पर विचार कर रहा है। शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में मंत्री आलोक मेहता ने इस फार्मूला को सहमति दे दी।
खत्म होगी मनमानी
इस व्यवस्था लागू होने के बाद म्यूटेशन के जो आवेदन पहले आएंगे, पहले उसका निपटारा करना अंचल कर्मियों लिए बाध्यकारी होगी। इससे अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी और डाटा इंट्री आपरेटर जैसे सरकारी सेवक म्यूटेशन के मामलों में मनमानी नहीं कर पाएंगे।
पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
प्रयोग के रूप में फिलहाल इसे वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, सिवान और नवादा जिलों के कुछ अंचलों में लागू किया जाएगा। परिणाम देखने के बाद सभी अंचलों में लागू होगा। समीक्षा के दौरान मंत्री ने शिकायतों के समाधान की विभागीय व्यवस्था की जानकारी ली।
ईमेल और वाट्सएप पर लेंगे शिकायत
शिकायतों को सूचीबद्ध करने के लिए ई-मेल और वाट्सएप नंबर जारी करने और आनलाइन शिकायतों की मानिटरिंग के लिए विभाग में एक सेल के गठन का आदेश दिया। कहा गया कि म्यूटेशन से जुड़े मामले की किसी राजस्व कार्यालय में दोबारा सुनवाई नहीं होगी। मंत्री को बताया गया कि म्यूटेशन सहित कई मामले खारिज किए जाने के बाद दोबारा दायर कर दिए जाते हैं। दूसरी बार उनका निष्पादन कर दिया जाता है।
मनमानी करने वालों की बनेगी लिस्ट
मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था के लिए 30 नवंबर तक जरूरी तकनीकी प्रबंध कर लिए जाएं। अकारण म्यूटेशन के मामलों को खारिज करने वाले अधिकारियों की सूची बने। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के बिना अतिक्रमण हटाने का अभियान चिंताजनक है।
आपरेशन बसेरा पर भी ध्यान
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निदेश दिया कि आपरेशन बसेरा के तहत आवंटित किसी जमीन पर अगर न्यायालय में कोई मामला प्रक्रियाधीन हो तो न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की जगह तत्काल उनके आवास के लिए जमीन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने 37,391 चिन्हित वासभूमि विहीन परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में आवास की भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया।