लड़की आती थी तो उचककर देखते थे हम लोग, सीएम नीतीश कुमार ने शेयर की छात्र जीवन से जुड़ी रोचक कहानी…
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोबाइल एडिक्शन में फंसते युवाओं को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर अच्छी चीजों के लिए समय देना ठीक है, लेकिन केवल इसी पर निर्भर हो जाना ठीक नहीं है। हमें अपने आसपास के लोगों से मिलना-जुलना और बात करना चाहिए। नीतीश कुमार ने बताया कि जब उन्होंने मोबाइल की बढ़ती लत को देखा, तो इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया।
लड़की आती थी, तो उचककर देखते थे लोग
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह के दौरान नीतीश कुमार ने अपने पुराने दिनों की याद साझा करते हुए कहा कि हमारे समय में कालेज में कोई लड़की आती थी, सभी लोग उचक-उचक कर देखने लगते थे। आज शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की लड़कियां, लड़कों की बराबरी कर रही हैं। कई क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं।
नीतीश कुमार ने शिक्षा क्षेत्र में बदलावों को गिनाया
इस दौरान नीतीश कुमार ने युवाओं से मोबाइल की लत से बाहर निकलने की सीख दी। उन्होंने युवाओं को शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए खुद के प्रयासों की भी जानकारी दी। बताया कि बिहार में उनकी सरकार बनने के बाद कैसे शिक्षा क्षेत्र में बदलाव आया। खासकर, बालिका शिक्षा की दिशा में उल्लेखनीय काम किया गया। बालिकाओं को शिक्षित करने का फायदा हुआ कि बिहार में प्रजनन दर में काफी हद तक सुधार हो गया।
शिक्षक बहाली पर भी बोले नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षक बहाली जल्दी ही होगी। उन्होंने नए स्कूल और शैक्षणिक संस्थान खोलने की बात भी कही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो शिक्षक ठीक से नहीं पढ़ाते, उन पर कार्रवाई की जाए। साथ ही अच्छा करने वाले शिक्षकों को बढ़ावा दिया जाए।
अबुल कलाम की जयंती पर मनाया जाता शिक्षा दिवस
भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को बिहार में शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल फागु चौहान सहित कई बड़े नेताओं ने मौलाना आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान नीतीश कुमार ने बिहार के सरकारी स्कूलों में हर शनिवार को नो बैग डे की शुरुआत की। इस दिन स्कूली बच्चे केवल खेलेंगे। वे स्कूल में बिना कोई किताब और कापी लेकर जाएंगे।