सेक्स वर्कर की बेटी बनी NHRC सलाहकार: मुजफ्फरपुर रेड लाइट एरिया में पली-बढ़ी नसीमा की जाने कहानी
मुजफ्फरपुर की सेक्स वर्कर की बेटी नसीमा खातून मानव अधिकार आयोग की ओर से NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) में सलाहकार बनी हैं। कोर ग्रुप के सदस्य के तौर पर नसीमा खातून को भी नॉमिनेट किया गया। उन्हें वंचित जमात से आने वाली ‘परचम’ संगठन की सचिव के रूप में नॉमिनेट किया गया।
मुज़फ़्फ़रपुर के चतुर्भुज स्थान में पली-बढ़ी नसीमा ने कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रेड लाइट एरिया में रहने वाली, पलने वाली लड़कियों को भी अपनी क़िस्मत बदलने का हौसला और मौका देती है। नसीमा की इन्ही कोशिशों का नतीजा है कि आज उन्हें देश की सर्वोच्च न्यायिक संगठन मानव अधिकार आयोग की ओर से मानवाधिकार रक्षकों और गैर सरकारी संगठनों पर NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) के सलाहकार कोर ग्रुप कि सदस्य के रूप में शामिल होने का मौका दिया गया।
इसे लेकर नसीमा खातून ने कहा कि अपने वंचित समाज के हक और अधिकार की लड़ाई अब आगे बढ़ रही। समाज के सभी बुजुर्गों के आशीर्वाद और साथियों के प्यार व कामना से बड़ी जवाबदेही राष्ट्रीय स्तर पर मिली है। उन्होंने कहा कि आयोग ने देश स्तर पर विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को लेकर एक कमेटी बनाई है। जिसमें मुझे भी स्थान दिया गया है। अब आपकी आवाज देश के सबसे बड़े न्यायिक फोरम पर मजबूती के साथ उठेगी। उसका निदान भी होगा। यह दायित्व सब का है। आप सब के प्रयास से हम सफल होंगे।
रेड लाइट एरिया की महिलाओं के अस्तित्व के लिए लड़ रहीं नसीमा
नसीमा ने कहा कि बिहार के 38 जिलों में रेड लाइट एरिया है। कहीं बड़े तो कहीं छोटे रूप में। वह रेड लाइट एरिया की बेटी है। यहां जन्म ली पढ़ी और पिछले दो दशक से रेड लाइट एरिया के लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने व बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पहल कर रही।
इसी कड़ी में वह ‘परचम’ संगठन के माध्यम से जगह-जगह पर जागरूकता अभियान कर लोगों को शिक्षा और अपने अधिकार के प्रति जागरूक कर रही। इसके साथ यहां के बच्चों को लिखने और अपनी बातों को रखने के लिए बेहतर मौका मिले इसके लिए ‘जुगनू’ हस्तलिखित पत्रिका निकालती।
शिक्षा के साथ-साथ रोजगार से जुड़ रहीं बदनाम गली की महिलाएं
हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप अग्निहोत्री के सहयोग से इलाके के लोगों के बीच कानूनी जागरूकता अभियान चला रहीं। इसके साथ मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह के सहयोग से क्षेत्र के महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए गए।
यहां की महिलाएं जोहरा संवर्धन ग्रुप, जुगनू रेडीमेड गारमेंट के नाम से संगठन बनाकर सिलाई कटाई का काम कर अपना गुजारा चला रही हैं। उसके साथ वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत की मदद से महिलाओं को एक नई ताकत मिली है। अब आने वाले दिनों में मानव अधिकार आयोग के फोरम पर भी यहां की महिलाओं और बच्चों की होने वाली परेशानी प्रमुखता से रखी जाएगी।